श्रीलंकाई सरजमीं पर जूझते रहे हैं विराट और रोहित

मंगलवार, 4 अगस्त 2015 (16:58 IST)
नई दिल्ली। कप्तान विराट कोहली और रोहित शर्मा भारतीय टीम में शामिल दो ऐसे बल्लेबाज हैं जिन्होंने श्रीलंकाई सरजमीं पर पर्याप्त अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं लेकिन अभी तक के रिकॉर्ड पर गौर करें तो इन दोनों को अधिकतर अवसरों पर वहां रन बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। 
 
भारत ने श्रीलंका के खिलाफ 12 अगस्त से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला के लिए जो 15 सदस्यीय टीम चुनी है उसमें आठ बल्लेबाज शामिल हैं। इनमें से चार बल्लेबाजों शिखर धवन, चेतेश्वर पुजारा, केएल राहुल और विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्विमान साहा ने अब तक श्रीलंकाई सरजमीं पर एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है। 
 
कोहली और रोहित ने भी श्रीलंका के खिलाफ अब तक कोई टेस्ट मैच नहीं खेला है लेकिन इन दोनों को श्रीलंकाई धरती पर एकदिवसीय और टी20 मैच खेलने का पर्याप्त अनुभव है। 
 
भारतीय बल्लेबाजों में केवल मुरली विजय ही ऐसे हैं जिन्होंने श्रीलंका में टेस्ट मैच खेले हैं। वे 2010 में दो टेस्ट मैचों में अंतिम एकादश का हिस्सा थे। इन दो मैचों की तीन पारियों में उन्होंने 99 रन बनाए। रोहित ने श्रीलंकाई सरजमीं पर सर्वाधिक 21 वनडे और सात टी20 मैच खेले हैं लेकिन उन्हें आज तक वहां की पिचें रास नहीं आईं। 
 
कोहली का नंबर उनके बाद आता है जिन्होंने श्रीलंका की धरती पर 18 वनडे और छह टी20 मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। अंजिक्य रहाणे ने श्रीलंका में एक वनडे और एक टी20 मैच खेला है।
 
अपने वनडे करियर में अब तक कुल 39.20 की औसत से रन बनाने वाले रोहित ने इनमें से 18 मैच श्रीलंका के खिलाफ खेले जिनमें उनके नाम पर 15.93 की औसत से 255 रन दर्ज है। उन्होंने इसके अलावा श्रीलंका में सात टी20 मैचा में 86 रन बनाए हैं। अपने पहले दो टेस्ट मैचों में शतक जड़कर शानदार आगाज करने वाले रोहित इसके बाद लंबी अवधि के प्रारूप में भी रन बनाने के लिए संघर्ष करते रहे हैं। 
 
रोहित ने इन दो टेस्ट मैचों के बाद जो अगले नौ मैच खेले हैं उनमें उन्होंने 23.75 की औसत से केवल 380 रन बनाए हैं जिसमें दो अर्धशतक शामिल हैं। भारतीय कप्तान कोहली ने हालांकि टीम के श्रीलंका रवाना होने से पहले रोहित की खराब फार्म का बचाव किया था। 
 
उन्होंने कहा था, रोहित प्रभावी खिलाड़ी हैं। वनडे में वह ऊपरी क्रम में खेलते हैं लेकिन टेस्ट में पहले छठे नंबर पर खेलते थे। एक बल्लेबाज के रूप में आप टेस्ट और वनडे दोनों में एक पोजीशन पर खेलना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलिया में जब उन्होंने तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी की तो अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे लगता है कि उन्हें इस पोजीशन पर अधिक अवसर देने की जरूरत है। (भाषा)

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