गावस्कर ने कहा कि यह जबर्दस्त था। उसने बल्ले की रफ्तार में कुछ बदलाव किया है। 2014 में वह ऑफ स्टम्प से बाहर जाती गेंदें नहीं खेल पा रहा था। अब वह गेंद के आने का इंतजार करता है। उसने जो बदलाव किया है, मानसिक रूप से खुद को ढाला है, वह असाधारण है। यही वजह है कि वह रन बना सका है। यह मामूली सा तकनीकी बदलाव है कि वह शरीर के पास नहीं खेल रहा।
गावस्कर ने कहा कि इंग्लैंड में फुटवर्क और संयम की काफी जरूरत होती है। वहां फुटवर्क और संयम काफी अहम है, क्योंकि गेंद उछलकर आती है। हम उसकी अपेक्षा नहीं कर रहे थे, क्योंकि जून-जुलाई में वैसे वहां मौसम भारत जैसा ही होता है। उपमहाद्वीप के खिलाड़ियों के लिए यह आसान नहीं होता और यही वजह है कि मैं कहता रहता हूं कि हमें लाल गेंद का क्रिकेट अधिक खेलना चाहिए। (भाषा)