Ravichandran Ashwin Retirement : भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही सीरीज के बीच रविचंद्रन अश्विन का अचानक संन्यास लेना हर एक क्रिकेट फैन के लिए चौकाने वाला था। गाबा टेस्ट के बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की और इसके बाद कई फैंस ने उसकी अलग अलग वजह निकाली, किसी ने कहा कि मैनेजमेंट की वजह से यह निर्णय लिया तो वहीँ, उनके पिता ने कहा कि वे अपमान सह रहे थे, खैर, रवि अश्विन ने अपने पिताजी की टिप्पणी पर सफाई देते हुए कहा उन्हें माफ़ करें वे 'Media Trained' नहीं है।
अब बॉर्डर पार से भी इस विषय पर बात की गई और पूर्व पाकिस्तान क्रिकेटर बासित अली का मानना है कि अगर विराट कोहली कप्तान होते तो वे रविचंद्रन अश्विन को रिटायरमेंट नहीं लेने देते या फिर सीरीज के अंत तक तो रोक ही लेते। उन्होंने यह भी कहा कि अगर रवी शास्त्री या राहुल द्रविड़ में से भी कोई कोच होता तो उन्हें रिटायरमेंट नहीं लेने देता।
बासित अली (Basit Ali) ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा 'मैं गारंटी देता हूं कि अगर विराट कोहली कप्तान होते, तो वह अश्विन को रिटायर नहीं होने देते और उन्हें दो मैचों के बाद इसकी घोषणा करने के लिए कहते। क्यों? अगर राहुल द्रविड़ या रवि शास्त्री भारत के कोच होते, तो वे भी अश्विन को इस समय रिटायर नहीं होने देते।'
उन्होंने कहा कि तीसरे टेस्ट के बाद वे सीधे घर रवाना हो गए, गौतम गंभीर और रोहित शर्मा उन्हें रोक नहीं पाए, वे यह नहीं कह पाए कि अभी मत जाओ हमें अगले दो टेस्ट में तुम्हारी जरुरत है, ख़ास कर सिडनी टेस्ट में।
उन्होंने कहा कि, 'यह बुरा है कि रोहित और गंभीर उसे मना नहीं पाए और कह नहीं पाए कि 'इस समय नहीं, इन दो टेस्ट मैचों में तुम्हारी जरूरत है', और निश्चित रूप से सिडनी में।'
53 वर्षीय बासित ने यह भी कहा कि कुछ चीज़ें आप बोलते नहीं हो लेकिन वे दिखती हैं और लोगों को समझ में आती है। उन्होंने कहा कि ड्रेसिंग रूम में अश्विन जब विराट कोहली से बात कर रहे थे तो उनका बॉडी लैंग्वेज काफी कुछ कह रहा था।
Rift in Indian camp confirmed by Ex-cricketer Former Pakistan cricketer Basit Ali
बासित अली ने आगे कहा "आपकी शारीरिक भाषा सबकुछ कह देती है। जिस तरह विराट कोहली और रवि अश्विन ने ड्रेसिंग रूम में एक-दूसरे के गले लगे, वह काफी कुछ बयां करता है। हालांकि, मैं यह मानता हूं कि रवि अश्विन पुराने फॉर्म में नहीं थे, वह पहले की तरह गेंदबाजी नहीं कर रहे थे। लेकिन वह इतने बुरे गेंदबाज भी नहीं थे. 537 टेस्ट विकेट बहुत होते हैं. रवि अश्विन महज मैच विनर नहीं थे, बल्कि वह सीरीज विनर थे"