इसके बाद करन ने पुछल्ले बल्लेबाजों के सहयोग से इंग्लैंड का स्कोर 180 रनों तक पहुंचा दिया। अगर विराट अश्विन को गेंदबाजी आक्रमण से नहीं हटाते तो करन जल्दी पवैलियन लौट सकते थे क्योंकि अश्विन बाएं हाथ के बल्लेबाजों को सस्ते में निपाटने के माहिर माने जाते हैं।