सचिन के विदाई टेस्ट के बाद वानखेड़े में होगा पहला टेस्ट

सोमवार, 5 दिसंबर 2016 (21:25 IST)
मुंबई। क्रिकेट के बेताज बादशाह सचिन तेंदुलकर ने अपने घरेलू मैदान वानखेड़े स्टेडियम में अब से तीन साल पहले अपना 200वां और विदाई टेस्ट खेला था। उसके तीन साल बाद जाकर 8 दिसंबर से इस मैदान पर पहला टेस्ट होने जा रहा है, जो भारत और इंग्लैंड सीरीज का चौथा मैच होगा।
        
भारत पांच मैचों की सीरीज में विशाखापट्नम में दूसरा और मोहाली में तीसरा टेस्ट जीतकर 2-0 की मजबूत बढ़त बना चुका है और अब उसकी नज़रें वानखेड़े में जीत हासिल कर सीरीज पर कब्जा करने पर लगी होंगी। भारत ने नवंबर 2013 में सचिन के विदाई टेस्ट में वेस्टइंडीज को पारी और 126 रन से हराया था। 
         
विराट कोहली की टीम इस समय जिस फार्म में खेल रही है उसे देखकर कहा जा सकता है कि टीम इंडिया वानखेड़े में इंग्लिश टीम को दबाव में ला देगी लेकिन दूसरी तरफ एलेस्टेयर कुक की इंग्लिश टीम इस बात से हौसला ले सकती है कि उसने यहां अपने पिछले दो टेस्टों में भारत को पराजित किया था। इंग्लैंड ने मात्र 2006 में भारत को 212 रन से और नवंबर 2012 में भारत को 10 विकेट से पराजित किया है। 
       
वानखेड़े स्टेडियम में भारत और इंग्लैंड के पिछले मुकाबले को देखा जाए तो भारत ने पहली पारी में 327 रन बनाए थे जबकि इंग्लैंड ने 413 रन बनाए थे। भारतीय टीम दूसरी पारी में लेफ्ट आर्म स्पिनर मोंटी पनेसर और ऑफ स्पिनर ग्रीम स्वान के जाल में फंसकर 142 रन पर ढेर हो गई थी। इंग्लैंड ने फिर बिना कोई विकेट के 58 रन बनाकर यह टेस्ट 10 विकेट से जीत लिया।  
 
इस मैदान पर सचिन के विदाई टेस्ट में वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 182 रन बनाए। लेफ्ट आर्म स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने पांच और ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने तीन विकेट लिए। भारत ने चेतेश्वर पुजारा(113) और रोहित शर्मा (नाबाद 111) के शतकों से 495 रन बनाए। कैरेबियाई टीम दूसरी पारी में 187 रन पर सिमट गई। ओझा ने फिर पांच और अश्विन ने चार विकेट लिए। 
                 
मैच में 10 विकेट लेने वाले ओझा 'मैन ऑफ द मैच' रहे लेकिन ओझा के करियर का यह आखिरी टेस्ट साबित हुआ। उसके बाद उन्हें दोबारा कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। इसी दौरान उनका गेंदबाजी एक्शन भी संदिग्ध करार दिया गया और उन्हें लंबे समय तक घरेलू क्रिकेट से बाहर रहना पड़ा। ओझा इस समय बंगाल की तरफ रणजी ट्रॉफी मैच खेल रहे हैं।
                     
इस मैदान पर पिछले दो टेस्टों में जिस तरह लेफ्ट आर्म स्पिनर और ऑफ स्पिनर के तालमेल ने कहर बरपाया है उसे देखते हुए विराट को वानखेड़े में 3-0 की बढ़त बनाने की उम्मीद हो सकती है। भारतीय टीम के लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा और दोनों आफ स्पिनर अश्विन तथा जयंत यादव कमाल की गेंदबाजी कर रहे हैं और इंग्लिश बल्लेबाजों को परेशानी में डाल सकते हैं। 
 
समझा जाता है कि भारतीय टीम प्रबंधन ने वानखेड़े स्टेडियम में उस तरह की पिच चाही है जिससे उनके स्पिनरों को मदद मिल सके। हालांकि मोहाली की जीत के बाद कप्तान विराट ने कहा था कि वह पिच मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं करते हैं और उनके खिलाड़ी सभी तरह की पिचों पर खेलने में सक्षम हैं लेकिन भारतीय टीम चौथे मैच के लिए किसी तरह का कोई खतरा नहीं उठाना चाहेगी ताकि इंग्लैंड की टीम को वापसी का कोई मौका मिल सके।
                
वानखेड़े में भारत ने अब तक 24 टेस्ट खेले हैं, जिसमें से उसे 10 में जीत हासिल हुई है। भारत और इंग्लैंड का इस मैदान पर अब तक सात बार मुकाबला हो चुका है। दोनों टीमें वानखेड़े में पहली बार फरवरी 1977 में भिड़ीं थीं और वह मैच ड्रॉ रहा था। इसके बाद फरवरी 1980 में इंग्लैंड 10 विकेट से जीता जबकि दिसंबर 1981 में भारत 138 रन से जीता।
                 
भारत ने दिसंबर 1984 में इंग्लैड को आठ विकेट से हराया और फिर फरवरी 1993 में पारी और 15 रन से पराजित किया। इसके बाद इंग्लैंड ने 2006 और 2012 के टेस्ट क्रमश: 212 रन और 10 विकेट से जीत लिए। इस मैदान पर भारत का सर्वाधिक स्कोर 591 रन है, जो उसने इंग्लैंड के खिलाफ 1993 में बनाया था। वानखेड़े में इंग्लैंड ने नवंबर 2012 में 413 रन का अपना सर्वाधिक स्कोर दर्ज किया था।
                    
वानखेड़े में सर्वाधिक 1122 रन का रिकार्ड सुनील गावस्कर के नाम है जबकि सचिन ने इस मैदान पर 921 रन बनाए हैं। मौजूदा टीम के चेतेश्वर पुजारा वानखड़े में दो शतकों सहित 254 रन बना चुके हैं। अश्विन भी यहां एक शतक सहित 226 रन बना चुके हैं। कप्तान विराट कोहली के नाम वानखेड़े में 198 रन दर्ज हैं। जहां तक विकेटों की बात है तो मौजूदा भारतीय कोच अनिल कुंबले वानखेड़े में सर्वाधिक 38 विकेट ले चुके हैं। अश्विन ने इस मैदान पर तीन मैचों में 18 विकेट लिए हैं। (वार्ता)

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