विराट और पंत के कारण कौन होगा टी 20 टीम से बाहर, जानिए अनसुलझे सवालों के जवाब

शनिवार, 9 जुलाई 2022 (15:16 IST)
बर्मिंघम: भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले मैच में शुरू से लेकर आख़िरी तक दबदबा बनाकर रखा था, ऐसे में अब उनके लिए समस्याएं नहीं होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं है। भारत के लिए कई समस्या बढ़ जाएंगी जब उसके स्टार खिलाड़ी विराट कोहली और ऋषभ पंत शनिवार को होने वाले दूसरे मैच के लिए टीम में लौटेंगे। भारत अच्छी तरह से जानता है, कि उसे टी20 विश्व कप से पहले इनका निपटारा भी करना होगा। कैसे वह विराट कोहली की फ़ॉर्म के मसले को संभालते हैं? कहां वह ऋषभ पंत को जगह देते हैं? हरफ़नमौला खिलाड़ियों में कौन जगह बनाता है?

विराट की जगह टीम इंडिया की एकादश में कहां बनती है, यह एक बड़ा सवाल है। जरा एक नज़र डालनी पड़ेगी कि उनकी अनुपस्थिति में किस खिलाड़ी ने क्या किया है।
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Aaj ki #AakashVani Kohli, Bumrah, Pant aur Jadeja khelenge toh baahar Kaun jayega? Kya Shreyas ke liye jagah banegi? https://youtu.be/USDP5wkx4VU - Aakash Chopra (@cricketaakash) 9 July 2022
ऐसा रहा है दीपक हुड्डा का प्रदर्शन

दीपक हुड्डा ने छह ही टी20 ​खेले है। लेकिन उन्होंने बहुत ज़ल्द टीम की हाई रिस्क हाई रिटर्न पॉलिसी को अपना लिया है। उन्होंने चार पारियों में 172.26 के स्ट्राइक रेट से 205 रन जड़ दिए हैं। उनका लखनऊ सुपर जाएंट्स के लिए खेलते हुए उनका आईपीएल सीज़न भी ज़बरदस्त रहा था। उन्होंने 14 पारियों में नंबर तीन या चार पर खेलते हुए 136.66 के स्ट्राइक रेट से 451 रन बनाए थे। वह ज़रूरत पड़ने पर ऑफ़ स्पिन भी डाल लेते हैं।इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहले टी20 में हुड्डा ने नंबर तीन पर खेलते हुए 17 गेंद में 33 रन बनाए थे। वह जब तीसरे ओवर में क्रीज़ पर आए तब स्कोर एक विकेट पर 29 रन था और जब वह नौवें ओवर में आउट हुए तब स्कोर तीन विकेट पर 89 रन था। कुल मिलाकर वह अपना काम कर चुके थे।

सूर्यकुमार यादव ने किया है प्रभावित

अब सूर्यकुमार यादव को देखें , जो 360 डिग्री बल्लेबाज़ हैं। वह हर भूमिका में सटीक बैठ जाते हैं। सूर्यकुमार ने कोहली की कप्तानी में मार्च 2021 में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ डेब्यू किया था। 15 टी20 पारियों में उन्होंने 170 के स्ट्राइक रेट से 405 रन बना दिए हैं।सूर्यकुमार के पास पहली ही गेंद से बड़े शॉट खेलने की काबिलियत है। स्पिन के ख़िलाफ़ भी उन्होंने 43 टी20 (आईपीएल और भारत) में 140 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं, जो 2020 से चौथा सर्वश्रेष्ठ स्ट्राइक रेट है। उनका 39.43 का औसत भी रहा है। हुड्डा की तरह पहले टी20 में सूर्यकुमार ने भी प्रभावित किया था। उन्होंने 19 गेंद में 39 रन बनाए थे, जहां लग ही नहीं रहा था कि वह स्लॉग कर रहे हैं, क्योंकि वह ऐसा कर ही नहीं रहे थे। वह अंतिम समय तक गेंद को देखते और कलाईयों के सहारे गेंद को रैंप या स्कूप कर देते और उनके अंदर गेंद को पुल करने की भी काबिलियत है।

कोहली की गिरती स्ट्राइक रेट समस्या

अब कोहली आते हैं। उन्हें कहां खेलना चाहिए, वह केएल राहुल की अनु​पस्थिति में ओपन कर सकते हैं, लेकिन इससे इशान किशन को बाहर बैठना होगा, लेकिन यह राहुल द्रविड़ की प्रत्येक खिलाड़ी को उनका रोल दिए जाने की पॉलिसी के ख़िलाफ़ होगा। किशन को बैकअप पर रखकर और कोहली को खिलाने से भारतीय टीम का सिरदर्द ही बढ़ेगा। इसके बाद उनका स्लॉट नंबर तीन है।

साल की शुरुआत से विराट ने 18 पारियों में 118.81 के स्ट्राइक रेट और 24.11 के औसत से 410 रन बनाए हैं, इसमें 16 मैच उन्होंने आईपीएल 2022 में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए खेले हैं। यहां उन्होंने ओपनिंग की है और पावरप्ले में उनका स्ट्राइक रेट 116.78 का रहा है। धीमी विकेट पर पारी को तेज़ी से आगे बढ़ाने में उनका संघर्ष जगजाहिर रहा है। इससे कोहली को समस्या भी हुई है। 2020 (आईपीएल और टी20) से कोहली का स्ट्राइक रेट 51 पारियों में 105.23 का रहा है, यह कम से कम 20 पारियां खेलने वाले बल्लेबाज़ों में सबसे कम है। वहीं कुल मिलाकर आईपीएल 2020 से प्रति मैच उनका बल्लेबाज़ी इम्पेक्ट 20.29 है, जो 750 रन बनाने वाले बल्लेबाज़ों में दूसरा सबसे कम है। उनसे कम यह आंकड़ा केन विलियमसन का ही है।

तो जहां भी भारत कोहली को खिलाना चाहेगा, यह साफ़ है कि उन्हें 2016 वाली फ़ॉर्म में ही वापसी करनी होगी, वह फ़ॉर्म जो उन्होंने तब टी20 विश्व कप में ऑस्‍ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टी20 मुक़ाबले में दिखाई थी। तब उन्होंने 51 गेंद में नाबाद 82 रन बनाकर टीम को लक्ष्य का सफल पीछा कराया था या वह आईपीएल सीज़न जहां उन्होंने चार शतक समेत 973 रन जड़ दिए थे।

सलामी बल्लेबाजी कर सकते हैं पंत

पंत को लेकर भारत में कुछ ऐसी थ्योरी चल रही हैं कि पंत को ओपनर के तौर पर आजमाया जा सकता है। उन्होंने इस साल वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ एक मैच में ऐसा किया भी था। अगर वह रोहित के साथ ओपन करते हैं तो किशन को यहां भी बाहर बैठना पड़ सकता है, लेकिन इससे भारत सूर्यकुमार और हुड्डा के साथ कोहली को मध्य क्रम में खिला सकता है। अब जो खिलाड़ी बाहर बैठेगा वह दिनेश कार्तिक हो सकते हैं, जिन्होंने फ़ीनिशर के तौर पर टीम में वापसी की है। अगर कार्तिक को खिलाया जाता है तो एक बार दोबारा हुड्डा या सूर्यकुमार में से किसी एक को बाहर बैठना होगा। ऐसे में दोनों ही तरह से अगर भारत पंत और कोहली को खिलाना चाहता है तो उन्हें अपने इनफ़ॉर्म बल्लेबाज़ों को बाहर बैठाना होगा।

क्या जडेजा को सीधे अपनी जगह मिलेगी?:हां, क्योंकि पिछले दो सालों में रवींद्र जडेजा की बल्लेबाज़ी शानदार रही है लेकिन उनकी गेंदबाज़ी में गिरावट आई है। आईपीएल 2020 से उन्होंने 147 के स्ट्राइक रेट से 575 रन बनाए हैं। इसी दौरान उनका डेथ ओवरों में 199.60 का स्ट्राइक रेट रहा है जो चौथा सर्वश्रेष्ठ है। गेंद के साथ उन्होंने 40 मैचों में 7.70 के इकॉनमी से 24 विकेट लिए हैं। हालांकि, हार्दिक पांड्या के गेंदबाज़ी करने से उन पर गेंदबाज़ी करने का दबाव कम हो सकता है। छठे गेंदबाज़ के विकल्प के लिए अब भारत को पिछले विश्व कप की तरह माथापच्ची नहीं करनी होगी।(वार्ता)

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