सिर्फ 5 पांच एकदिवसीय मैच खेल पाए पुजारा, वनडे में नहीं बन पाए द्रविड़ की प्रतिमूर्ति

WD Sports Desk

सोमवार, 25 अगस्त 2025 (17:16 IST)
कई क्रिकेट विशेषज्ञ चेतेश्वर पुजारा को राहुल द्रविड़ का क्लोन मानते हैं। दोनों ही एक क्लासिक टेस्ट बल्लेबाज हैं। दोनों ही दांए हाथ के बल्लेबाज अपनी तकनीक के लिए जाने जाते हैं। खासकर ऐसी पिच पर जहां घास हो, टीम को इन दोनों से ही उम्मीद रही है। 
 
पुजारा टेस्ट क्रिकेट में तो वह भूमिका निभा चुके हैं जो राहुल द्रविड़ ने घरेलू और विदेशी मैदान पर निभाई थी। अपनी धीमी गति की पारी से वह सिडनी और ब्रिस्बेन में कंगारुओं के पसीने छुड़ा चुके हैं जो अक्सर द्रविड़ की तरफ से देखने को मिलता था।

पुजारा ने अक्तूबर 2010 में शुरू हुए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में 103 टेस्ट और पांच एकदिवसीय मैच खेले। लाल गेंद के प्रारूप में ही वह अपने सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे, जिसमें उन्होंने 43.60 की औसत से 7195 टेस्ट रन बनाए, जिनमें से अधिकांश रन उन्होंने नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए बनाए। इस नंबर पर राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी करते थे।

चेतेश्वर पुजारा  ने अगस्त 2013 से जून 2014 तक पांच एकदिवसीय मैच खेले।पुजारा को सिर्फ 5 मैचों में वनडे खेलने का मौका मिला और इनमें उनका सर्वाधिक स्कोर 27 का रहा। हैरत की बात यह है कि इसमें से ज्यादा मैच वह कमजोर टीमों के खिलाफ खेले फिर भी उनके बल्ले से एक अर्धशतक नहीं निकला। 2014 के बाद से वह नीली जर्सी में नहीं दिखे।

वहीं राहुल द्रविड़ की बात करें तो वह वनडे क्रिकेट में 10 हजार से ज्यादा रन बना चुके हैं । उन्होंने कुल 12 शतक और 83 अर्धशतक लगाए हैं। इस कारण दोनों में फासला बहुत ज्यादा है। कोविड काल की शुरुआत में चेतेश्वर पुजारा ने कहा था कि वह नीली जर्सी में भी टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते हैं।लेकिन ऐसा इन 3 कारणों की वजह से नहीं हो पाया।

1 तेज गति से रन बनाने वाले बल्लेबाजों की दरकार

 
 जिस समय राहुल द्रविड़ बल्लेबाजी करते थे उस समय टीम को कम से कम एक ऐसे बल्लेबाज की जरुरत रहती थी जो पिच पर टिक सके। आज टी-20 के आगमन से सभी टीमें अंतिम ग्यारह में ज्यादा से ज्यादा पिंच हिटर्स रखना चाहती हैं। इसलिए पुजारा का चयन होना बहुत मुश्किल था।
 
2 राहुल की रन गति पुजारा से ज्यादा

 
राहुल द्रविड़ भले ही धीमा खेलते थे लेकिन रन ए बॉल पारी खेल सकते थे। उस पर वह विकेटकीपर भी रहे। राहुल द्रविड़ ने अपने खेल की शैली नहीं बदली लेकिन वह टेस्ट क्रिकेट से वनडे क्रिकेट में ढल आसानी से गए। वहीं पुजारा यह करने में नाकाम रहे इसलिए वह वनडे क्रिकेट से गायब हो गए।
 
3 चयन के लिए गला काट प्रतियोगिता

 
जिस समय पुजारा ने यह इच्छा जाहिर की थी उस समय तेजी से रन बनाने वाले बल्लेबाजों की चयनकर्ताओं के सामने लाइन लगी थी । इशान किशन, सुर्यकुमारयादव जैसे कई नाम बड़े बड़े खिलाड़ियों को चुनौती दे रहे थे। विकेटकीपिंग के लिए भी पंत और राहुल में कई समय पर जंग देखने को मिलती थी। ऐसे में पुजारा का वनडे क्रिकेट में चयन दूर की कौड़ी हो गई थी।

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