वर्ल्ड कप क्रिकेट का इतिहास

गुरुवार, 15 जनवरी 2015 (13:38 IST)
वेबदुनिया डेस्क 
 
आईसीसी विश्वकप की शुरूआत 1975 से हुई, उस समय एकदिवसीय क्रिकेट 60-60 ओवर के खेले जाया करते थे। 1975 से अबतक 10 विश्वकप खेले जा चुके हैं। अब तक हुए विश्वकप में कई टीमों ने अपने बेहतरीन खेल के दम पर ट्रॉफी अपने नाम की।

इन टीमों में ऑस्ट्रेलिया सबसे ऊपर है जिसने विश्वकप की ट्रॉफी चार बार अपने नाम की है, साथ की विश्व में ऑस्ट्रेलिया ही एक ऐसी टीम है जिसने विश्वकप जीतने की हैट्रिक लगाई है। तो आइए जानते हैं अब तक हुए विश्वकप मैचों में किस टीम ने मारी बाजी और कौन बना विश्वकप का हीरो। 
 
1975 विश्वकप- यह विश्व क्रिकेट का पहला विश्वकप था। इस विश्वकप का आयोजन इंग्लैंड में किया गया। विश्वकप फाइनल में दो धुरंधर टीमें ऑस्ट्रेलिया व वेस्टइंडीज के बीच मुकाबला हुआ। एक बेहद करीबी मैच में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराकर पहला क्रिकेट विश्वकप अपने नाम किया।

विश्वकप में भले ही 1992 से 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' दिए जाने की शुरुआत हुई लेकिन फाइनल मैच में  'मैन ऑफ द मैच' घोषित किए जाने की परंपरा 1975 में वर्ल्डकप के आगाज के साथ ही शुरु हो गई थी। इस तरह इस मैच में क्लाइव लॉयड (वेस्टइंडीज, नाबाद 102 रन) को मैन ऑफ द मैच से नवाजा गया। 
 

1979 विश्वकप- क्रिकेट के दूसरे महाकुंभ का आयोजन भी इंग्लैंड की सरजमीं में हुआ। इस विश्वकप के फाइनल में क्रिकेट की जनक इंग्लैंड और वेस्टइंडीज फाइनल में पहुंची। बाजी एक बार फिर वेस्टइंडीज ने मारी।

वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को 92 रनों से मात देकर विश्वकप अपने नाम किया यह वेस्टइंडीज की लगातार दूसरी विश्वकप फतह थी। इस मैच में विवियन रिचर्ड ने 138 रनों की पारी खेली और बाद में उनकी इसी बेहतरीन पारी के लिए मैन ऑफ द मैच पुरस्कार से नवाजा गया। 
 
1983 विश्वकप- यह लगातार तीसरा विश्वकप था जिसका आयोजन इंग्लैंड में किया गया। साथ ही इस विश्वकप के साथ एशिया महाद्वीप की टीमों ने विश्वकप फतह का सिलसिला शुरू किया। विश्वकप के फाइनल में एक बार फिर वेस्टइंडीज पहुंची और वेस्टइंडीज के साथ फाइनल में पहुंची टीम इंडिया।

दोनों टीमों के बीच हुए एक दिलचस्प मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रन से हराकर फाइनल अपने नाम किया। मैच में मोहिंदर अमरनाथ के आलराउंडर प्रदर्शन(25 रन बनाने व 12 रन पर 3 विकेट) का उन्हें इनाम मिला और वे सदी से तीसरे विश्वकप में बतौर मैन ऑफ द मैच चुने गए। 
 

1987 विश्वकप- इस विश्वकप में पहली बार विश्व की सबसे जांबाज टीम ऑस्ट्रेलिया ने रियल एक्शन दिखाकर विश्वकप अपने नाम किया। ऑस्ट्रेलिया के साथ फाइनल में पहुंची इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया ने 7 निकेट से रौंदते हुए विश्वकप अपने नाम किया। साथ ही यह विश्वकप पहला विश्वकप था जिसे इंग्लैंड के बाहर आयोजित किया गया।

यह विश्वकप भारत और पाकिस्तान में आयोजित किया गया। विश्वकप फाइनल में बेहतरीन प्रदर्शन के बल पर ऑस्ट्रेलिया के डेविड बून को फाइनल में उनके 75 रनों का इनाम मिला और वे मैन ऑफ द मैच चुने गए।       
 
 
1992 विश्वकप- इस विश्वकप में फिर से एशिया महाद्वीप की टीम एक्शन में नजर आई। इस बार यह भारत की पड़ोसी देश की टीम पाकिस्तान थी। पाकिस्तान के साथ फाइनल में पहुंच इंग्लैंड, इंग्लैंड को एक बेहद रोमांचक मुकाबले में 22 रनों से हराते हुए इमरान खान की अगुआई में पाकिस्तान ने पहली बार विश्वकप अपने नाम किया।


विश्वकप में यह तीसरी बार हुआ कि इंग्लैंड फाइनल में पहुंची लेकिन जीत से महरूम रही। यह विश्वकप ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड में आयोजित किया गया। विश्वकप फाइनल में वसीम अकरम के शानदार प्रदर्शन 33 रन बनाने व 49 रन देकर 3 विकेट लेने का उन्हें इनाम मिला व फाइनल में वे मैन ऑफ द मैच चुने गए। 
 

1996 विश्वकप-   इस विश्वकप में श्रीलंका की टीम एक्शन में दिखी और उसने उस समय कि सबसे मजबूत टीम मानी जाने वाली ऑस्ट्रलिया को विश्वकप फाइनल में पटखनी दे डाली। श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया को फाइनल मैच में 7 विकेट से हराकर विश्वकप का खिताब अपने नाम किया।

इस विश्वकप में सनथ जयसूर्या ने गजब की बल्लेबाजी की, पावरप्ले के दौरान हवा में शॉट खेलेने का ट्रेंड यहीं से शुरू हुआ। फाइनल मैच में अरविंद डिसल्वा के 107 रन नाबाद व 42 रन पर तीन विकेट लेने पर उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। सनथ जयसूर्या को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।   

1999 विश्वकप- विश्वकप 1999 कई दिलचस्प बातों के लिए याद किया जाता है। इस विश्वकप में दो ऐसी टीमें थी जो क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ गईं। विश्वकप फाइनल से ज्यादा सेमीफाइनल मैच का रोमांच आज भी क्रिकेट दर्शकों के जेहन में रेंगता है। विश्वकप सेमीफानल में लांस क्लूजरनर ने गजब की पारी खेली थी लेकिन एक करीबी मैच में दुर्भाग्य के चलते साउथ अफ्रीका ने मैच गवां दिया और ऑस्ट्रेलिया यहां से सीधे फाइनल में पहुंची। 

फाइनल में ऑस्ट्रेलिया का मुकाबला 1992 में चैंपियन बनी पाकिस्तान से हुआ। ऑस्ट्रलिया की गेंदबाजी के सामने पाकिस्तान के बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह बिखरते नजर आए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने आसानी से मैच अपने नाम कर लिया। ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 8 विकेट से हराते हुए दूसरा विश्वकप फाइनल अपने नाम किया।

यह विश्वकप ब्रिटेन में आयोजित किया गया। 1999 के वर्ल्डकपमें वॉर्न ने फाइनल में केवल 33 रन की कीमत पर चार विकेट झटककर 'मैन ऑफ द मैच' बनने का सम्मान हासिल  किया। अफ्रीका के लांस क्लूजनर को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।

2003 विश्वकप- विश्व क्रिकेट का यह आठवां विश्वकप था इस विश्वकप का आयोजन दक्षिण अफ्रीका, केन्या, जिम्बाम्बे में किया गया। सचिन ने इस विश्वकप में गजब की बल्लेबाजी करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचा।

विश्वकप के क्वार्टरफाइनल में सचिन के द्वारा खेली गई महज 75 गेंदों में 98 रन की तेज तर्रार पारी को आज भी याद किया जाता है। सचिन ने इस मैच में शोएब अख्तर की लगभग 100 मील/घंटा की रफ्तार की गेंद को अपर कट के सहारे बाउंड्री के पार पहुंचाया था। फाइनल के पहले तक बढ़िया केल दिखाने वाली भारतीय टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बौनी साबित हुई।

ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 125 रन के विशाल अंतर से हराते हुए विश्वकप अपने नाम किया। रिकी पोंटिंग ने  फाइनल में कप्तानी पारी खेली और फाइनल में भारत के खिलाफ  नाबाद 140 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया को लगातार दूसरी बार विश्व चैम्पियन बनवाया। फाइनल में उन्हें  शानदार शतक का पुरस्कार 'मैन ऑफ द मैच' के रूप में मिला। भारत के सचिन तेंदुल्कर को श्रीलंका के चामिंडा वास के साथ संयुक्त रूप से मैन ऑफ द सीरीज चुना गया। 
 
2007 विश्वकप- यह विश्वकप फास्ट बॉलिंग के बेहतरीन बॉलर ग्लेन मैक्ग्रेथ के नाम रहा। विश्वकप में मैक्गेथ में गजब की गेंदबाजी की और अमूमन हर मैच में विरोधी टीम को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया। भारत इस विश्वकप में बांग्लादेश से हारकर पहले दौर से बाहर हो गई। यह विश्वकप वेस्टइंडीज में आयोजित किया गया।

विश्वकप के दौरान पाकिस्तानी कोच बाब बूल्मर की हत्या भी खूब सुर्खियों में रही, पाकिस्तान भी भारत की ही तरह पहले दौर से बाहर हो गई थी। इस विश्वकप में फाइनल में पहुंची ऑस्ट्रेलिया व श्रीलंका, बारिश से प्रभावित हुए फाइनल मैच में जीत ऑस्ट्रेलिया को मिली।

विश्वकप फाइनल में श्रीलंका को 54 रनों से हराते हुए ऑस्ट्रेलिया ने लगातार तीसरा विश्वकप अपनी झोली में डालते हुए पहली बार विश्वकप खिताब की हैट्रिक लगाई। फाइनल में एडम गिलक्रिस्ट ने 149 रन की बेहतरीन पारी खेली और वे 'मैच ऑफ द मैच' घोषित किए  गए। पूरे विश्वकप में बेहतरीन गेंदबाजी करने वाले मैकग्रेथ को मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।

2011 विश्वकप- यह विश्वकप एक बार फ्र 15 साल के अंतराल के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में आयोजित किया गया। सचिन तेंदुल्कर एक बार फिर एक्शन में नजर आए साथ ही भारत के युवराज सिंह ने गेंद व बल्ले दोनों से बेहतरीन प्रदर्शन किया। फाइनल में भारत का मुकाबला श्रीलंका से हुआ। फाइनल मैच में भारत के जहीर खान ने पहले तीन ओवर लगातार मेडेन फेंके जो अपने आपमें एक रिकॉर्ड है।

श्रीलंकाई कप्तान महेला जयवर्धने का शतक बेकार गया और भारत ने 6 विकेट से श्रीलंका को हराते हुए विश्वकप अपने नाम किया। धोनी ने फाइनल में श्रीलंका के खिलाफ 79 गेंदों में  नाबाद 91 रनों की विस्फोटक पारी खेली और भारत को 28 सालों के बाद वर्ल्डकप चैम्पियन बनवाया।  इसी पारी की बदौलत उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' का पुरस्कार मिला। विश्वकप में युवराज सिंह के ऑलराउंडर प्रदर्शन का उन्हें इनाम मिला और वे मैन ऑफ द सीरीज चुने गए।  
 

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