क्राइस्टचर्च। न्यूजीलैंड के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ग्लेन टर्नर क्रिकेट के ‘अधिक उपयुक्त प्रारूपों’ पर टी20 के प्रभाव से चिंतित हैं और उनका मानना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण मिला ब्रेक खेल के भविष्य का ‘पुन: विश्लेषण’ करने का सही समय है। न्यूजीलैंड के चयन पैनल के पूर्व अध्यक्ष भी रहे 72 साल के टर्नर का मानना है कि क्रिकेट प्रशासक पूंजीवाद की राह पर चल रहे हैं।
टर्नर ने कहा, ‘पैसे का बोलबाला है और आपने टी20 का इतना दबदबा बना दिया है कि इसने खेल के अन्य प्रारूपों को संभवत: पीछे धकेल दिया है जिन्हें मैं अधिक उपयुक्त प्रारूप मानता हूं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐसा सिर्फ इससे मिलने वाले पैसे के कारण हो रहा है और बेशक इसके लिए तर्क है कि यह अधिक लोगों की क्रिकेट में रुचि जगा रहा है।’
जाने माने लेखक लिन मैकोनेल के साथ मिलकर नई किताब ‘क्रिकेट्स ग्लोबल वार्मिंग’ लिखने वाले टर्नर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण हुआ लॉकडाउन भविष्य का पुन: आकलन करने मौका है। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और कोच ने कहा, ‘शीर्ष स्तर पर ज्यादा पैसा जा रहा है और यह समाज की तरह है जहां अमीर और गरीब के बीच अंतर बढ़ रहा है। उम्मीद करते हैं कि इस महामारी के बाद चीजों का पुन: विश्लेषण किया जाएगा।’
टर्नर ने साथ ही कहा कि पिछले कुछ दशकों में खिलाड़ी बोर्ड से भी अधिक प्रभावी हो गए हैं। उन्होंने कहा, ‘ताकत लगभग पूरी तरह से खिलाड़ियों के हाथ में आ गई है जहां बोर्ड पीछे हो गया है और सीनियर खिलाड़ियों को अधिकतर संचालन करने दिया जा रहा है जो आदर्श स्थिति नहीं हैं।’
उन्होंने कहा, ‘खिलाड़ियों को पूरे 12 महीने की रिटेनर राशि मिल रही है जबकि वे बाकी लोगों से जितने मर्जी अनुबंध कर सकते हैं और न्यूजीलैंड के लिए पूरे समय उपलब्ध भी नहीं हैं जो मेरी नजर में गलत है।’ टर्नर पिछले साल विश्व कप फाइनल में निर्धारित ओवरों और फिर सुपर ओवर में मुकाबला टाई रहने के बाद बाउंड्री गिनने के नियम के आधार पर न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड को विजेता घोषित करने से भी खुश नहीं हैं।