Yashasvi Jaiswal Double Hundred IND vs ENG 2nd Test : Yashasvi Jaiswal! वो खिलाड़ी जो मैदान में सबसे पहले गया और आखरी तक खड़ा रहा, उसका साथ देने वाला वहां कोई खिलाड़ी नहीं था सब कुछ ही वक्त के लिए वहां रहे लेकिन इस खिलाड़ी ने इंग्लैंड के Spinners और अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन (James Anderson) की घातक गेंदबाजी का धैर्य रख सामना किया, और ऐसा भी नहीं कि उन्होंने जोखिम नहीं उठाए अगर वे जोखिम न उठाते तो शायद इतनी जल्दी अपना दोहरा शतक नहीं बना पाते, जब मौका मिला उन्होंने चौक्के छक्के लगाए। यहाँ तक कि उनका अंदाज टेस्ट क्रिकेट में इतना निराला है कि उन्होंने अपना अर्धशतक चौक्के, शतक छक्के और दोहरा शतक चौक्के के साथ पूरा किया।
यहाँ तक कि उनका अंदाज टेस्ट क्रिकेट में इतना निराला है कि उन्होंने अपना अर्धशतक चोक्के, शतक छक्के और दोहरा शतक चोक्के के साथ पूरा किया। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहले मैच में हैदराबाद में भी कुछ इसी अंदाज में खेला था लेकिन वे शतक तक नहीं पहुंच पाए थे, 80 पर ही आउट हो गए थे।
लेकिन उन्होंने अपनी लय को बरकरार रखा और आज देखिए 22 साल की उम्र में अपने करियर का सिर्फ छठा ही टेस्ट खेलते हुए उन्होंने इंग्लैंड जैसी मजबूत टीम के सामने दोहरा शतक जड़ अपने नाम कई रिकार्ड कर लिए हैं।
That Leap. That Celebration. That Special Feeling
Here's how Yashasvi Jaiswal notched up his Double Hundred
वे टेस्ट मैच में दोहरा शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बनाए।
उनके नाम अब Ranji Trophy, Duleep Trophy, Irani Cup, Test cricket में Double Hundred है।
भारत में टेस्ट में दोहरा शतक ठोकने वाले बने सबसे युवा ओपनर, उन्होंने यह कारनामा 22 साल और 37 दिन में किया है
यशस्वी जायसवाल भारत के लिए टेस्ट में डबल सेंचुरी लगाने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। इससे पहले यह कारनामा सौरव गांगुली, विनोद कांबली और गौतम गंभीर ने किया है
भारत के लिए अब तक टेस्ट क्रिकेट में कुल 24 खिलाड़ियों ने दोहरा शतक लगाया है। इसमें दिग्गज वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा आदि खिलाड़ियों का नाम शामिल है। वहीं अब जायसवाल भारत के लिए टेस्ट में डबल सेंचुरी लगाने वाले 25वें खिलाड़ी बन गए हैं।
टेस्ट में दोहरा शतक जब किसी अन्य खिलाड़ी ने अर्धशतक न बनाया हो
(Double Centuries in Test when no other player scored fifty)
231 - Nourse vs AUS (1935)
202 - Hutton vs WI (1950)
206 - A Morris vs ENG (1951)
262 - Amiss vs WI (1974)
216 - Atapattu vs ZIM (1999)
226 - Lara vs AUS (2005)
209 - Yashasvi vs ENG (2024)*
इस सीरीज से पहले ये अनुमान लगाया जा रहा था कि पूरी सीरीज एक तरफ़ा रखेगी, भारतीय पिच भारत को सपोर्ट करेगी लेकिन पहले मैच में इंग्लैंड ने पासा पलट मैच 28 रनों से जीत लिया था। दूसरे मैच में भी पूरी भारतीय टीम नहीं चल पाई, दूसरा सबसे ज्यादा स्कोर रहा तो Shubman Gill (34) का जो खुद काफी वक्त से फॉर्म में नहीं चल रहे हैं।
कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) भी काफी वक्त से फॉर्म में नहीं है। इस वक्त तो यशस्वी ने भारत की पारी संभाल उन्हें एक अच्छा स्कोर खड़ा करने में मदद की लेकिन अगली बार से अगर वे किसी गेंदबाज का शिकार बन गए फिर टीम क्या करेगी? टीम का मतलब ही यही होता है कि हर कोई अपना रोल अच्छे से अदा करे।
भारतीय टीम को कुछ ही खिलाड़ियों पर निर्भर रहना छोड़ देना चाहिए। वरना टीमें घर में ही इन्हे हराकर चल जाएगी और यह गलतियां गिनते रह जाएंगे।