शास्त्री ने स्पष्ट किया कि यो-यो टेस्ट बरकरार रहेगा और कोहली ने भी कहा कि इसे भावुक होने के बजाय कड़े फैसले के रूप में देखा जाना चाहिए जिससे टीम को फायदा ही मिलेगा। हाल में आईपीएल के शीर्ष स्कोरर में शामिल अम्बाती रायुडु 16.1 अंक जुटाने में असफल रहे थे जबकि उन्होंने आईपीएल में 600 से ज्यादा रन जुटाए थे। इससे पूर्व चयन समिति के अध्यक्ष पाटिल ने इस नीतिगत फैसले पर खुलेआम सवाल उठाए थे।
जब शास्त्री से टीम की ब्रिटेन दौरे के लिए रवानगी से पहले मीडिया से मुखातिब सत्र में पूछा गया कि तो वे अपने जवाब में बिलकुल स्पष्ट थे। शास्त्री ने चिर-परिचित अंदाज में कहा कि आपके अंदर कुछ निश्चित काबिलियत है लेकिन अगर आप फिट हो तो आप इसमें निखार ला सकते हो इसलिए हम यो-यो टेस्ट पर जोर देते हैं। अगर किसी को लगता है कि यह बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है तो यह उनकी भूल है। वे जा सकते हैं।
साथ ही कोहली ने भी उदाहरण दिया कि यो-यो टेस्ट जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाज के दमखम और सहनशक्ति को दर्शाने का सबूत है। कोहली ने कहा कि लोग शायद एक छोटी सी चीज नहीं देख पाते, जो एक विशेष टेस्ट मैच के दौरान हुई थी लेकिन मुझे लगता है कि इससे काफी अंतर पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि जसप्रीत बुमराह अंतिम टेस्ट के दौरान अपने आखिरी स्पैल में 144 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी कर रहे थे और यहीं फिटनेस की असली परीक्षा होती है। जब आपके पास ऐसे लोग होते हैं, जो फिट हैं, अच्छे प्रदर्शन के भूखे हैं और तैयार हैं तो आप सिर्फ प्रतिस्पर्धा नहीं करते बल्कि आप मैचों में जीत हासिल करते हो। (भाषा)