अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने कहा है कि लगभग एक वर्ष के अंदर दिन-रात टेस्ट मैचों का आयोजन शुरू किया जा सकेगा और इसके लिए गुलाबी गेंद प्रयोग में लाई जाएगी।
आईसीसी के महाप्रबंधक (क्रिकेट) डेव रिचर्डसन ने यहां कहा 80 ओवर तक गेंद की दशा पर तैयार की जा रही परीक्षण रिपोर्ट यदि सकारात्मक रहती है तो हम लोग अगले वर्ष इसी समय दिन-रात के टेस्ट मैचों के परीक्षण आयोजन के लिए दो स्थानों का चयन कर सकेंगे।
आईसीसी की मुख्य कार्यकारी समिति और कार्यकारी बोर्ड को सलाह देने वाली समिति चाहती है कि इस एक वर्ष की अवधि में सभी सदस्य देश अपने घरेलू टूर्नामेंट में गुलाबी गेंद का प्रयोग परीक्षण के तौर पर करें। इसके तहत शेफील्ड शील्ड, काउंटी क्रिकेट और सुपरस्पोर्ट्स सिरीज जैसे टूर्नामेंटों में गुलाबी गेंद देखी जा सकती है।
रिचर्डसन ने कहा हमने पिछले दो वर्षों में इन मैचों के लिए उपयुक्त गेंद ढूंढने पर काफी समय खर्च किया। हमें पता नहीं था कि गुलाबी, नारंगी, पीली या सफेद में से कौन सी गेंद उपयुक्त होगी। अब हम इस बात पर आश्वस्त हैं कि गुलाबी और नारंगी गेंदों में बहुत मामूली फर्क है।
रिचर्डसन ने कहा अबुधाबी में परीक्षण अच्छा रहा। हालांकि वहां हालात अनुकूल थे। आउटफील्ड तेज थी और ओस बिल्कुल नहीं थी। इसलिए गेंद अच्छी रही। हमने एक से ज्यादा दिन तक चलने वाले और भी मैचों में भी यह परीक्षण करने का निर्णय किया है। ओस को इन मैचों की रूपरेखा तैयार करने से पहले एक अहम बिंदु के रूप में देख जा रहा है। डेनाइट वनडे मैचों में बाद में गेंदबाजी करना कठिन हो जाता है और इस कारण इनमें टॉस का प्रभाव बढ़ रहा है। टेस्ट मैचों को इस समस्या से दूर रखने की कोशिश की जा रही है।
समिति के अध्यक्ष क्लाइव लायड ने कहा हम ओस के प्रभाव पर चिंतित हैं। किसी टीम को गेंदबाजी करने में ज्यादा मुश्किल नहीं आनी चाहिए। रिचर्डसन ने कहा इसके लिए मैदानों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। वैसी ही जैसी सिडनी, लार्ड्स और अबुधाबी में मौजूद है। साथ ही वर्ष के किसी खास मौसम में ही ये खेल हो सकते हैं ताकि शाम ढलते ही मैदान पर ओस न छा जाए। (वार्ता)