अफरीदी ने खुद को बल्ले से पीटा था

2007 के ट्वेंटी-20 विश्व कप फाइनल में भारत के हाथों पराजय से पाकिस्तान के ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी इतने निराश हुए थे कि उन्होंने खुद को बल्ले से पीटा था।

अफरीदी ने कहा कि उसकी जिंदगी का सबसे बड़ा पछतावा यही है कि पाकिस्तान 1999 के विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया से हारा और ट्वेंटी-20 के विश्व कप फाइनल में भारत से पराजित हो गया।

अफरीदी ने कहा कि यकीन कीजिए की ये दोनों घटनाएँ आज भी मेरा पीछा करती हैं। ट्वेंटी-20 फाइनल के बाद मैने निराशा में अपने बल्ले से इतने जोर से पैर पर दे मारा था कि दो दिन तक मै चल भी नहीं पाया था।

अफरीदी ने कहा कि मैं पाकिस्तान को विश्व कप विजेता के रूप में देखना चाहता था। लोग कहते है कि मेरे अंदर दो या तीन साल का क्रिकेट शेष है। मै 2011 के विश्व कप और ट्‍वेंटी-20 विश्व कप जीतने वाली पाकिस्तान टीम का सदस्य बनना चाहता हूँ।

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बनाये जाने अटकलों पर कुछ भी कहने से इंकार करते हुए अफरीदी ने कहा कि वह घरेलू क्रिकेट सिंध और कराची टीमों के लिये कप्तानी करके प्रसन्न है लेकिन वे राष्ट्रीय टीम की कप्तानी के बारे कुछ नहीं कहना चाहते। कप्तानी के बारे में फैसला करना बोर्ड का काम है। मै पाकिस्तान टीम का हिस्सा बन कर संतुष्ट हूँ।

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