आक्रमकता नहीं झेल पाए भारतीय

बुधवार, 24 अक्टूबर 2007 (17:31 IST)
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कोच टिम नीलसन का कहना है कि भारतीय क्रिकेट टीम की आक्रामकता उनकी विश्व विजेता टीम के खिलाफ खेली गयी वनडे श्रृंखला के दौरान फुस्स साबित हुई और टीम इंडिया खेल के प्रत्येक विभाग में नतमस्तक हुई।

नीलसन ने 'द कूरियर मेल' से कहा कि भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया की तरह से आक्रामक रूख अपनाने का प्रयास किया लेकिन उनकी इस रणनीति से मेजबान टीम के मुकाबले ऑस्ट्रेलिया को ज्यादा लाभ हुआ और टीम इस चक्कर में अपना मौलिक खेल भी नहीं खेल पाई।

सात मैचों की वनडे श्रृंखला 4-2 से जीतने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम के कोच नीलसन ने कहा कि सबसे मजे की बात यह है कि हम उन क्षेत्रों में भी भारतीय टीम पर हावी हो गये जहाँ हम आमतौर पर नहीं हो सकते थे। इसीलिए हम एक दिवसीय श्रृंखला में जीत हासिल करने में कामयाब हो सके।

कोच ने कहा कि अगर भारतीय टीम यही आक्रामकता दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपनायेगी तो वह उसके लिये पूरी तरह से तैयार हैं।

नीलसन का यह बयान कप्तान रिकी पोंटिंग की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा था कि महेन्द्रसिंह धोनी की टीम का आक्रामकता दिखाना भारतीय टीम के लिए एक नयी बात है।

पोंटिंग ने एक अखबार से बातचीत में कहा था कि भारतीय टीम ने श्रृंखला के शुरू में ही स्पष्ट कर दिया था कि आग का बदला आग से लिया जाएगा, लेकिन हमें मालूम था कि भारतीय टीम आमतौर पर आक्रामक क्रिकेट नहीं खेलती।

ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा कि अगले कुछ माह में हमें भारत के खिलाफ काफी क्रिकेट खेलनी है और यह देखना दिलचस्प होगा कि भारतीय टीम अपनी आक्रामकता कब तक बरकरार रख पाती है।

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