मद्रास उच्च न्यायालय ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एसी मुथैया की बीसीसीआई सचिव और तमिलनाडु क्रिकेट संघ के अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन को अयोग्य घोषित करने की माँग करने वाली याचिका खारिज कर दी।
न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. चंद्रू ने साथ ही मुथैया पर 25 हजार रुपए का जुर्माना ठोंकते हुए कहा कि उन्होंने न्यायालय का समय बर्बाद किया है। मुथैया को जुर्माने की यह राशि चेन्नई के फ्री लीगल एड सेंटर को देने को कहा गया है।
मुथैया ने अपनी याचिका में कहा था कि श्रीनिवासन ने बीसीसीआई का कोषाध्यक्ष और टीएनसीए का अध्यक्ष होते हुए इंडिया सीमेंट्स को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टीमों की नीलामी में भाग लेने की अनुमति दी थी।
श्रीनिवासन उस समय कंपनी के प्रबंध निदेशक थे। इस तरह उन्होंने बीसीसीआई के नियमों का उल्लंघन किया है लिहाजा उन्हें बोर्ड के सचिव और टीएनसीए के अध्यक्ष पद के अयोग्य घोषित किया जाए।
न्यायमूर्ति चंद्रू ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मुथैया की याचिका खारिज करते हुए कहा कि न्यायालय के समक्ष रखे गए दस्तावेजों से यह साबित नहीं होता है कि श्रीनिवासन ने बीसीसीआई के नियमों का उल्लंघन किया है।