कोटला में दिखा, वन डे में है जान

शनिवार, 31 अक्टूबर 2009 (17:27 IST)
चैंपियंस लीग ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट के दौरान अधिकतर समय आधा खाली रहने वाला फिरोजशाह कोटला स्टेडियम भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे एकदिवसीय मैच के दौरान खचाखच भरा था जो इस बात का सबूत है कि क्रिकेट के सबसे छोटे प्रारूप से वन डे को कोई खतरा नहीं है।

ट्वेंटी-20 की बढ़ती लोकप्रियता को एकदिवसीय क्रिकेट के लिए खतरा माना जा रहा था और यहाँ तक कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद भी इससे चिंतित थी।

शेन वार्न जैसे दिग्गज खिलाड़ियों ने वन डे को समाप्त करने की सिफारिश कर दी जबकि सचिन तेंडुलकर ने दर्शकों को स्टेडियम तक खींचने के लिए 25-25 ओवर की दो पारियों का सुझाव दिया।

आईसीसी तमाम सुझाव पर विचार कर रही है लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सात एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला वन डे के लिए संजीवनी बन सकती है। वड़ोदरा और नागपुर में खेले गए पहले दो मैच में स्टेडियम भरे हुए थे लेकिन दिल्ली के दर्शकों का वन डे के प्रति प्यार इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहाँ कुछ दिन पहले ट्वेंटी-20 मैच खेले गए थे, जिसको लेकर दर्शकों में खास उत्साह नहीं था।

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ ने एक दिन पहले घोषणा कर दी थी कि मैच के सभी टिकट बिक गए हैं। इसका नजारा आज सुबह ही स्टेडियम और उसके आसपास के क्षेत्रों में देखने को मिल गया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम पहले बल्लेबाजी कर रही थी लेकिन मैच शुरू होने के साथ ही सभी स्टैंड लगभग भर गए थे। स्टेडियम के बाहर भी अफरातफरी का माहौल था तथा लगभग एक किलोमीटर के दायरे में जाम लगा था।

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