जश्न में डूब गई टीम इंडिया

मंगलवार, 4 मार्च 2008 (22:12 IST)
विश्व चैम्पियन ऑस्ट्रेलिया को मैदान में और उसके बाहर जमकर टक्कर देने वाली टीम इंडिया ने आज वह कर दिखाया जिसकी इस दौरे से पहले कम लोगों को ही उम्मीद थी। ऑस्ट्रेलिया को उसी की धरती पर आज नौ रन से हराकर त्रिकोणीय श्रृंखला अपनी झोली में डालने के साथ ही भारतीय टीम के खिलाड़ी मैदान पर ही खुशी से झूम उठे।

ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों की आँख की किरकिरी बन चुके भारतीय गेंदबाज हरभजन सिंह इस जीत से सबसे ज्यादा उत्साहित नजर आए और उन्होंने टीम के जीतने के बाद उत्साह के साथ विकेट उखाड़कर उन्हें हवा में लहराकर अपनी खुशी का इजहार किया। साइमंड्स और हेडन के साथ हुए उनके विवाद इस पूरे दौरे में ऑस्ट्रेलियाई अखबारों की सुर्खियाँ रहे।

कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी खुशी से लगभग चीखते हुए अपनी टीम के साथियों के गले मिले। भारतीय टीम का यह जश्न केवल टीम में आज खेलने वाले 11 खिलाड़ियों तक ही सीमित नहीं था।

अपनी शानदार गेंदबाजी से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को परेशान करने वाले ईशांत शर्मा भी अपनी टीम के खिलाड़ियों के साथ जश्न मनाने के लिए आ गए। शर्मा अँगुली की चोट के कारण आज के मैच में नहीं खेले थे।

भारतीय खेमे से एकदम उलट ऑस्ट्रेलियाई डेसिंग रूम में खामोशी पसरी हुई थी। त्रिकोणीय श्रृंखला के लीग मैचों की अंक तालिका में चोटी पर रहने के बावजूद मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम तीन फाइनल मैचों के पहले दोनों मुकाबलों में पराजित हो जाने के बाद श्रृंखला गवाँ बैठी।

पुरस्कार समारोह के बाद युवराज सिंह ने शैंपेन की बोतल खोलकर उसका स्प्रे अपनी टीम के साथियों पर किया। सचिन तेंडुलकर जैसे वरिष्ठ खिलाड़ियों ने युवराज की इस बौछार से बचने का प्रयास जरूर किया लेकिन उन्होंने भी इस जश्न का पूरा लुत्फ उठाया।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में आज का दिन विशेष रूप से दर्ज हो गया, जब भारत की टीम की विजय ट्रॉफी उसी मीडिया के सामने रखी गई जिसने पूरे दौरे में भारतीय टीम को किसी न किसी रूप में अपना निशाना बनाया और उसे दुनिया की सबसे घटिया व्यवहार वाली टीम तक बताया।

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