ब्रिटेन में पाँच महीने तक छिपने के बाद पाकिस्तान वापस लौटे विकेटकीपर जुल्करनैन हैदर ने पिछले साल नवंबर में टीम को श्रृंखला के बीच में छोड़कर जाने के अपने फैसले को उचित ठहराया। उन्होंने कहा कि उन्हें मैच फिक्स करने वालों से जान से मारने की धमकी मिल रही थी।
आज गृह मंत्री रहमान मलिक और खेल मंत्री शौकतउल्लाह के साथ इस्लामाबाद में बैठक के बाद हैदर ने संवाददाताओं से कहा, ‘जब मैंने यह फैसला किया तो मेरे सामने पाकिस्तान टीम के साथ उज्जवल भविष्य था। कोई भी समझदार व्यक्ति बिना किसी कारण के अपने करियर को कुर्बान नहीं करेगा।’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा करने के लिए मेरे पास कारण थे। मैंने अपने मुद्दों से अब सरकार को अवगत करा दिया है।’ हैदर ने जोर देकर कहा कि रहमान मलिक के आश्वासन के बाद ही उन्होंने लंदन से लौटने और शरण के अपने आवेदन को वापस लेने का फैसला किया।
उन्होंने कहा, ‘मंत्री के मेरी और मेरे परिवार की सुरक्षा का आश्वासन देने के बाद ही मैं वापस लौटा हूं।’ यह विकेटकीपर बल्लेबाज पिछले साल नवंबर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के दौरान टीम होटल से भाग गया था और लंदन पहुंचने पर उन्होंने दावा किया कि मैच फिक्सिंग में शामिल होने से इंकार करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही थी।
हैदर ने साथ ही दावा किया कि जब वह पिछले हफ्ते पाकिस्तान लौटने की तैयारी कर रहे थे तब भी उन्हें दो बार जान से मारने की धमकी मिली। रविवार रात इस्लामाबाद के लिए रवाना होने से पहले हैदर ने ‘दुनिया’ समाचार चैनल से कहा कि जिस व्यक्ति ने उहें धमकी दी थी वह भारतीय नागरिक है।
इस 24 वर्षीय विकेटकीपर ने कहा कि वह अपना क्रिकेट करियर जारी रखने को लेकर उत्सुक हैं और उन्हें उम्मीद जताई कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड उन्हें इसकी स्वीकृति देगा।
उन्होंने कहा, ‘इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मैं जल्द ही बोर्ड के अध्यक्ष के साथ बैठक करूंगा और उन्हें अपने नजरिये से अवगत कराऊँगा।’’ मलिक ने कहा कि उन्होंने हैदर को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से संपर्क करने और उनके साथ इस मुद्दे को सुलझाने की सलाह दी थी। (भाषा)