सचिन तेंडुलकर ने सिडनी में त्रिकोणीय एकदिवसीय क्रिकेट श्रृंखला के पहले फाइनल में शतक जमाकर 'नर्वस नाइंटीज' से पीछा छुड़ाया था, लेकिन यह स्टार बल्लेबाज आज गाबा में फिर से सैकड़े के करीब की इन दस संख्याओं के फेर में फँस गया।
तेंडुलकर दूसरे फाइनल में जब 91 रन पर खेल रहे थे, तब उन्होंने शार्ट मिड ऑफ और गेंदबाज के बीच खाली स्थान से गेंद निकालनी चाही लेकिन रिकी पोंटिंग ने अपनी बायीं तरफ डाइव लगाकर उनके शॉ ट को कैच में तब्दील कर दिया।
यह एकदिवसीय मैचों में 17वाँ अवसर है जब तेंडुलकर 'नर्वस नाइंटीज' के शिकार बने। असल में पिछले आठ महीने में यह सातवां मौका है जब तेंडुलकर शतक के करीब पहुंचने पर भी सैकड़ा नहीं जड़ पाए।
तेंडुलकर टेस्ट मैचों में भी सात बार 90 रन के पार पहुंचने के बाद आउट हुए हैं। यदि इन सब अवसरों पर उन्होंने शतक जड़े होते तो इस समय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके शतकों की संख्या 81 के बजाय 105 होती।
तेंडुलकर पहली बार एकदिवसीय मैचों में फरवरी 1996 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मुंबई में 90 रन पर आउट हुए थे। भारतीय टीम जब पिछले साल जून में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन एकदिवसीय मैच खेलने के लिए आयरलैंड गई तो तब तेंडुलकर के नाम पर 90 और 99 के बीच के दस स्कोर थे।