पाक कलाकारों की भागीदारी वाले एक टीवी शो का अपने भतीजे राज ठाकरे द्वारा कुछ समय के लिए ही सही, विरोध करने के कुछ ही दिन बाद शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने शनिवार को कहा कि वे पाकिस्तानी क्रिक्रेटरों को यहां खेलने नहीं देंगे।
बाल ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र में अपने विस्तृत साक्षात्कार के दूसरे अंश में कहा कि मैं उन्हें यहां खेलने नहीं दूंगा। मैं अपने शब्दों से मुकरा नहीं हूं और वैसा नहीं होने दूंगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि यदि उन्हें सेना का प्रभार दिया गया तो वे चमत्कार कर देंगे और एक महीने के अंदर चीजें दुरुस्त कर देंगे।
उन्होंने कहा कि म्यामांर और असम में दंगे में मुसलमानों पर कथित हमले के विरोध में 11 अगस्त को आजाद मैदान में हिंसा पूर्व नियोजित थी। ठाकरे ने कहा कि कथित बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद भी मुंबई में मुसलमानों ने ही दंगा शुरू किया था और यहां तक गोधरा नरसंहार भी पूर्व नियोजित था।
उन्होंने कहा कि शिवसेना और राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने आजाद मैदान हिंसा की निंदा की लेकिन ‘वे लोग कहां था जिन्होंने संसद चलने नहीं दिया। बाल ठाकरे ने कहा कि वह मुस्लिम कट्टरपंथियों को भी नहीं बख्शेंगे जो देश में समस्या खड़ी करते हैं।
छियासी वर्षीय नेता ने कहा कि मैं एक भी धर्मोन्मत पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को महाराष्ट्र और जम्मू कश्मीर तक रहने नहीं दूंगा जहां तक हमारी (शिवसेना की) शाखाएं हैं।
जब उनसे दिल्ली की राजनीतिक स्थिति के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से कहता आ रहा हूं कि अराजकता आसन्न है। हम अराजकता की कगार पर हैं। मैं महसूस करता हूं कि आम चुनाव 2014 से पहले होंगे।
वर्ष 2007 में राष्ट्रपति चुनाव में संप्रग उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल को समर्थन करने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर शिवसेना सुप्रीमो ने कहा कि उनसे मिलने आए कांग्रेस और राकांपा नेताओं ने सबसे पहले शिवराज पाटिल के नाम का प्रस्ताव रखा था।
उन्होंने कहा कि मैंने उनसे स्पष्ट कह दिया कि मैं इस व्यक्ति का समर्थन नहीं कर सकता जो हमेशा ही करीने से प्रेस किए कपड़े पहनता है। उसके बाद एक और दो नाम सामने आए। मैंने कहा कि मैं इन लोगों का समर्थन नहीं कर सकता।
मुझे तो पता भी नहीं था कि अब प्रतिभा पाटिल का नाम आगे बढ़ाया जा रहा है। ठाकरे ने कहा कि मैंने सोचा कि राष्ट्रपति का पद 60 साल बाद महाराष्ट्र के लिए आ रहा है और यह अवसर नहीं गंवाया जाना चाहिए। जब उन्होंने कांग्रेस ने प्रतिभा पाटिल को नामित कर दिया, तब मैं क्या कह पाता।
मैं यह रुख नहीं बना पाता कि मैं उनका समर्थन नहीं करता। भले ही इसका यह मतलब होता कि महाराष्ट्र अपना राष्ट्रपति होने का अवसर गंवा बैठता। बिहार से अपराधी पकड़ने के लिए महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई की आलोचना पर ठाकरे ने कहा कि पता नहीं कोई क्यों इस बात पर नाराज हो जाता है।
ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम लिए बगैर कहा कि हमारे देश में, कानून किसके लिए बनाए जाते हैं, लोगों के लिए या खतरनाक आतंकवादियों के लिए। यदि हम आपके राज्य से खतरनाक आतंकवादी गिरफ्तार करने के लिए नहीं हैं तो महाराष्ट्र पुलिस की कार्रवाई पर हो-हल्ला करने से पहले कम से कम यह तो सुनिश्चित कीजिए कि वे हमारे राज्य में नहीं आ पाएं और दंगा नहीं कर पाए। (भाषा)