बल्ले से ही जवाब दूँगा आलोचकों को-सचिन

रविवार, 1 जुलाई 2007 (11:08 IST)
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर ने कहा है कि वे इस बात की परवाह नहीं करते कि लोग उनके बारे में क्या कहते हैं और भविष्य में भी उनका बल्ला ही आलोचकों को शांत करेगा।

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुक्रवार को दूसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत की जीत के हीरो रहे सचिन ने कहा कि मैं इस बात की परवाह नहीं करता कि लोग मेरे प्रदर्शन को लेकर किस तरह की टिप्पणियाँ करते हैं। मैंने पहले भी आलोचकों को अपने बल्ले से जवाब दिया है और आगे भी ऐसा ही करूँगा।

ज्यादा दिन नहीं बीते जब वेस्टइंडीज में विश्वकप में टीम इंडिया और सचिन के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्हें संन्यास लेने की सलाह देने वालों की बाढ़ आ गई थी। सचिन ने कहा- राय देना उनका काम है, लेकिन जब मैं बल्ला अपने हाथ में पकड़ता हूँ तो यह राय देने से कहीं ज्यादा मुश्किल और बड़ा काम होता है। मैं अपना ध्यान बल्लेबाजी पर ही केंद्रित रखना चाहता हूँ।

तेंडुलकर लगातार दूसरी बार नर्वस नाइंटीज का शिकार हुए हैं। पहले मैच में वे जहाँ एक रन से शतक चूके थे, वहीं इस मैच में वे शतक से सात रन दूर रहे, लेकिन मास्टर ब्लास्टर इस बात को ज्यादा महत्व नहीं देते।

उन्होंने कहा कि जब तक मेरे योगदान से टीम जीत रही है तो बाकी सब बातें कोई अहमियत नहीं रखतीं। सचिन ने कहा कि यह मैच हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण था। हमें सिरीज को जिंदा रखने के लिए हर हाल में जीत की दरकार थी। मैं बहुत खुश हूँ कि टीम की जीत में योगदान दे सका।

सचिन के साथ पारी की शुरुआत करने वाले सौरव गांगुली के बारे में मास्टर ब्लास्टर ने कहा- वे बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मैं अपने शुरुआती दिनों से उनके साथ खेल रहा हूँ। मुझे उनके साथ खेलने में मजा आता है। उनके स्ट्रोक्स शानदार होते हैं और दूसरे छोर से उन्हें बल्लेबाजी करते देखना वाकई आनंददायक होता है।

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