ब्रिटिश मीडिया ने खिलाड़ियों को सराहा

मंगलवार, 14 जुलाई 2009 (10:00 IST)
इंग्लैंड की हार टालने में अहम भूमिका निभाने वाले पॉल कॉलिंगवुड, जेम्स एंडरसन और मोंटी पनेसर की जमकर तारीफ करते हुए ब्रिटिश मीडिया ने कार्डिफ में आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले एशेज टेस्ट मैच को बचाने के अपनी टीम के प्रयास पर विशेषणों की झड़ी लगा दी और इसकी तुलना द्वितीय विश्वयुद्ध के ऑपरेशन डायनेमो से कर डाली।

द सन, डेली मेल, द टाइम्स सभी ने आकर्षक शीर्षक लगाने में एक दूसरे को पीछे छोड़ने की कोशिश की है। द सन ने एशेज के मिजाज के अनुरूप शीर्षक दिया है -'इंग्लैंड्स ग्रेट एसकेप'। समाचार पत्र ने कॉलिंगवुड, एंडरसन और पनेसर की खुलकर तारीफ की है जिन्होंने इंग्लैंड की तय मानी जा रही हार को टालकर पहला टेस्ट मैच ड्रॉ करवाया।

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइक आथर्टन ने इन तीनों के बारे में लिखा है कि इंग्लैंड की बल्लेबाजी ने आखिर में कार्डिफ में आखिरी दिन अपना जज्बा दिखाया।

इसी समाचार पत्र में साइमन बर्न्‍स ने लिखा है कि केवल टेस्ट क्रिकेट में ही इतना रोमांचक और साँस थाम देने वाला नाटकीय अंत देखने को मिल सकता है। इंग्लैंड उन बेजोड़ नाटकीय ड्रॉ में से एक का हिस्सा बना, जो केवल टेस्ट क्रिकेट में संभव है।

डेली मेल ने इंग्लैंड के इस बचाव की तुलना द्वितीय विश्व युद्ध में प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल की अगुवाई में ब्रिटिश सेना की जीत से की। मार्टिन सैमुअल्स ने अखबार में लिखा है, यह इंग्लिश क्रिकेट का ऑपरेशन डायनेमो था। जिस तरह से ब्रिटिश सेना ने 1940 में डनकिर्क को खाली कराकर जीत दर्ज की थी उसी तरह से यह एंड्रयू स्ट्रास और उनके खिलाड़ियों की जीत थी।

पूर्व कप्तान नासिर हुसैन ने इसी समाचार पत्र में कॉलिंगवुड की प्रशंसा में कसीदे कढ़े। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड ड्रॉ कराकर खुश होगा लेकिन यदि मैं कोच होता तो कॉलिंगवुड को उदाहरण के तौर पर सबके सामने आगे करता कि टेस्ट मैच में कैसे बल्लेबाजी की जाती है।

पाल न्यूमैन ने इसी अखबार में हुसैन की हाँ में हाँ मिलाई है। उनके अनुसार कि कॉलिंगवुड के रूप में इंग्लैंड के पास क्या फाइटर है। कॉलिंगवुड ने दिखाया कि इस टीम में संकट के समय उनसे बेहतर व्यक्ति कोई दूसरा नहीं है। जिमी एंडरसन और मोंटी पनेसर ने जिस तरह से अंतिम साढ़े 11 ओवर बचाए इसके लिए उनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है।

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