युवराज ने की आईसीसी की सराहना

मंगलवार, 23 अक्टूबर 2007 (22:01 IST)
'सिक्सर किंग' युवराजसिंह ने प्रत्येक देश के एक वर्षीय कार्यक्रम में सीमित ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित कराने के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के फैसले की सराहना की।

भारतीय वनडे और ट्वेंटी-20 टीम के उपकप्तान ने कहा कि ट्वेंटी-20 प्रारूप में विजेता टीम का हिस्सा होना सचमुच अच्छा लगता है, लेकिन इसमें दर्शकों और बल्लेबाज का काफी मनोरंजन होता है।

टीम इंडिया ने पिछले महीने दक्षिण अफ्रीका में हुए शुरूआती ट्वेंटी-20 विश्व कप में खिताब हासिल किया था, लेकिन महेंद्रसिंह धोनी की अगुवाई में टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला में हार गई थी। युवराज ने कहा इसलिए आईसीसी का एक वर्ष में प्रत्येक देश के लिए सात ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच आयोजित करने का फैसला सराहनीय है।

पंजाब के इस क्रिकेटर ने ट्वेंटी-20 विश्व कप में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड एक ओवर में छह छक्के लगाकर रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। वह डॉनियर इंडस्ट्रीज के ब्रांड एम्बेसडर हैं और इसके प्रामोशन कार्यक्रम में यहाँ मौजूद थे।

युवराज ने मार्च 2003 में अपने टेस्ट करियर का आगाज कर अब तक 19 टेस्ट मैच खेले हैं। 2000 में एक दिवसीय अंतराष्ट्रीय करियर शुरू करने वाला यह धुरंधर 190 वनडे में टीम इंडिया के साथ रहा है।

उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य ट्वेंटी-20 और 50 ओवर के प्रारूप में बढ़िया प्रदर्शन करना नहीं है। मैं टेस्ट क्रिकेट में शानदार और बतौर टेस्ट खिलाड़ी निरंतर प्रदर्शन करना चाहता हूँ, जिससे मैं खुद को पूर्ण क्रिकेटर बना सकूँ।

युवराज ने लगातार क्रिकेट खेलने के मामले पर कप्तान धोनी का समर्थन करते हुए कहा कि व्यस्त कार्यक्रम से खिलाड़ी काफी थक जाते हैं इसलिए उन्हें बीच-बीच में आराम की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा हम पिछले पाँच महीने से लगातार खेल रहे हैं। निश्चित तौर पर इससे शरीर थक जाता है। कोई भी बिना ब्रेक के लगातार पाँच महीने तक आफिस नहीं जाना चाहेगा।

युवराज ने कहा हालाँकि फिर भी हम मैदान पर खेलते रहने में खुशी महसूस करते हैं, क्योंकि क्रिकेट हमारा पेशा है और इस बीच में ब्रेक होना अच्छा है। हम पाकिस्तान से शुरू होने वाली श्रृंखला से पहले मिले इस ब्रेक का भरपूर उपयोग कर रहे हैं।

धोनी को टेस्ट टीम का कप्तान बनए जाने के बारे में युवराज ने कहा यह चयनकर्ताओं पर निर्भर है। इस पर खिलाड़ी टिप्पणी नहीं कर सकते। युवराज ने कहा कि जब टीम 300 से ज्यादा के स्कोर का पीछा कर रही हो तो बल्लेबाज का आक्रामक होना जरूरी होता है।

उन्होंने कहा अगर आप 50 ओवर के मैच में 320 रन के स्कोर का पीछा कर रहे हो तो आपको आक्रामक होना पड़ेगा क्योंकि इसमें तालमेल बिठाने का समय नहीं रहता। इस तरह से इतने बड़े स्कोर का पीछा करके हम 50 ओवर के मैच में ट्वेंटी-20 क्रिकेट खेल रहे हैं।

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