छोटी उम्र में ही पता चल जाता है कि बच्चा बड़ा होकर क्या करेगा। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अंडर-19 क्रिकेट विश्व कप में भविष्य के सितारा खिलाड़ियों की चमक देखने को मिलती है।
क्रिकेट के कई ऐसे नाम जिन्हें आज हम महान खिलाड़ियों की श्रेणी में शामिल करते हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा से इस खेल को एक आयाम दिया। ऐसे कई दिग्गज खिलाड़ियों को अंडर-19 विश्व कप में अपने प्रदर्शन के कारण पहचान मिली।
1988 विजेता : ऑस्ट्रेलिया, उपविजेता : पाकिस्तान टीम : 8, मैच : 31 युवा क्रिकेटरों के लिए पहला अंडर-19 विश्व कप ऑस्ट्रेलिया के दो सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में 1988 में आयोजित हुआ। इसे मॅक्डोनाल्ड यूथ विश्व कप नाम दिया गया। फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को पाँच विकेट से शिकस्त दी।
स्पर्धा में आईसीसी के सभी टेस्ट दर्जा प्राप्त देशों के अलावा पदेन सदस्य एकादश टीम ने भी हिस्सा लिया। रॉउंड रॉबिन पद्धति से खेले गए टूर्नामेंट के मैचों का आयोजन दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और विक्टोरिया में हुआ। टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा निराशा भारत को हाथ लगी। भारत ने इंग्लैंड को हराकर अच्छी शुरुआत की, लेकिन अगले चार मैचों में हार के साथ टीम को जल्दी ही बाहर होना पड़ा।
इस टूर्नामेंट ने कई सितारा खिलाड़ी दिए। इनमें भारत के वेंकटपति राजू, न्यूजीलैंड ने क्रिस कैर्न्स, पाकिस्तान के इंजमाम उल हक और मुश्ताक अहमद, इंग्लैंड के नासिर हुसैन और माइक एथर्टन, श्रीलंका के सनथ जयसूर्या, वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा, रिंडले जैकब्स और जैमी एडम्स शामिल हैं।
1998 विजेता : इंग्लैंड, उपविजेता : न्यूजीलैंड टीम : 16, मैच : 50 लंबे अंतराल के बाद अंडर-19 विश्व कप की पुनः शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में हुई। इस बार टीमें समूह मैचों से होकर सुपरलीग समूहों में पहुँची, यहाँ से विजेता टीमें फाइनल में पहुँची। फाइनल में इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड को हराकर खिताब पर कब्जा जमाया।
सुपरलीग के लिए पात्रता हासिल नहीं कर सकी टीमों के बीच प्लेट खिताब के लिए मुकाबला हुआ, जहाँ बांग्लादेश ने वेस्टइंडीज को हराया। टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज के क्रिस गेल (364 रन) ने सर्वाधिक रन बनाए जबकि वेस्टइंडीज के ही रामनरेश सरवन और जिम्बाब्वे के एम. नकाला ने सर्वाधिक 16-16 विकेट चटकाए।
2000 विजेता : भारत, उपविजेता : श्रीलंका टीम : 16, मैच : 54 श्रीलंका में आयोजित यह टूर्नामेंट भी पिछले आयोजन की तरह ही खेला गया। टेस्ट खेलने वाले देशों के अलावा बांग्लादेश, केन्या, आयरलैंड, नामीबिया, हॉलैंड, नेपाल और अमेरिका ने हिस्सा लिया। फाइनल में भारत ने श्रीलंका को हराकर खिताब जीता। प्लेट वर्ग के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका ने बांग्लादेश को हराया। भारत के युवराजसिंह को मैन ऑफ द सीरिज चुना गया।
2002 विजेता : ऑस्ट्रेलिया, उपविजेता : दक्षिण अफ्रीका टीम : 16, मैच : 54 इस वर्ष टूर्नामेंट का आयोजन न्यूजीलैंड में हुआ। टेस्ट खेलने वाले देशों के अलावा कनाडा, केन्या, नामीबिया, नेपाल, पापुआ न्यु गुयाना और स्कॉटलैंड ने शिरकत की। ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर खिताब जीता। जिम्बाब्वे ने नेपाल को हराकर प्लेट वर्ग का खिताब जीता। जिम्बाब्वे के ततेंदा ताइबू को मैन ऑफ द सिरीज चुना गया।
2004 विजेता : पाकिस्तान, उपविजेता : वेस्टइंडीज टीम : 16, मैच : 54 इस वर्ष टूर्नामेंट का आयोजन बांग्लादेश में हुआ। टेस्ट खेलने वाले 10 देशों के अलावा कनाडा, नामीबिया, नेपाल, पापुआ न्यू गुयाना, स्कॉटलैंड और यूगांडा की टीमों ने स्पर्धा में हिस्सा लिया। खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान ने वेस्टइंडीज को पराजित किया। प्लेट वर्ग के फाइनल में बांग्लादेश ने ऑस्ट्रेलिया को हराया। भारत के शिखर धवन ने 84.16 के औसत से टूर्नामेंट में सर्वाधिक 505 रन बनाए। उन्हें मैन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया।
2006 विजेता : पाकिस्तान, उपविजेता : भारत टीम : 16, मैच : 44 इस वर्ष टूर्नामेंट का आयोजन श्रीलंका में हुआ। खिताबी मुकाबले में चिरप्रतिद्वंद्वी टीमों भारत और पाकिस्तान की टक्कर हुई। पाकिस्तान ने 110 रनों का लक्ष्य दिया। लेकिन पाकिस्तानी गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजी की कमर तोड़ते हुए मात्र नौ रनों पर छः विकेट गिरा दिए।
संघर्ष करने के बाद भारतीय टीम मात्र 71 रनों पर सिमट गई। इसी के साथ पाकिस्तान ऐसा पहला देश हो गया जिसने अपने खिताब की सफलता के साथ रक्षा की हो। प्लेट वर्ग के रोमांचक फाइनल में नेपाल ने न्यूजीलैंड को एक विकेट शेष रहते हराया। भारत के चेतेश्वर पुजारा को मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे। उन्होंने टूर्नामेंट में 116.33 के शानदार औसत से सर्वाधिक 349 रन बनाए।
2008 विजेता : भारत, उपविजेता : दक्षिण अफ्रीका टीम : 16, मैच : 44 युवा क्रिकेटरों का यह महाकुंभ मलेशिया में खेला गया। कुल 16 टीमों ने स्पर्धा में शिरकत की। इन्हें चार समूहों में बाँटा गया। भारत ने न्यूजीलैंड को और दक्षिण अफ्रीका ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
भारत लीग मुकाबलों में द. अफ्रीका को हरा चुका था, इसलिए उसे दावेदार माना गया। मुकाबला कड़ा रहा, लेकिन भारत ने डकवर्थ-लुईस नियम से 12 रनों से द. अफ्रीका को हराते हुए खिताब जीता।