पाकिस्तान के सीनियर बल्लेबाज मोहम्मद यूसुफ कानूनी सलाहकार के आश्वासन के बाद इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) से दोबारा नया अनुबंध करने को तैयार हैं, क्योंकि उनके सलाहकार के मुताबिक इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का मुकदमा काफी कमजोर होगा।
एक विश्वस्त सूत्र ने बताया कि वह अब अधिकारिक रूप से दोबारा एक नए अनुबंध के बाद आईसीएल से जुड़ जाएँगे और वह इस सप्ताह के अंत में लीग में खेल भी खेल सकते हैं।
आईपीएल की अदालत जाने की धमकी के बाद यूसुफ ने आईसीएल से करार पर दोबारा विचार करने की सोची थी। उन्होंने बीसीसीआई की ट्वेंटी-20 लीग से भी अनुबंध किया था, जिस पर आईपीएल ने उन पर मुकदमा करने की धमकी दी थी।
सूत्रों ने बताया कि यूसुफ को कानूनी सलाहकार ने आश्वासन दिया कि उनके खिलाफ आईपीएल का मामला बहुत कमजोर होगा। इसके बाद उन्होंने आईसीएल से दोबारा नया अनुबंध करने का फैसला किया।
सूत्रों ने कहा कि यूसुफ को आश्वस्त किया गया कि क्योंकि शुरू में उन्होंने आईसीएल से अनुबंध किया था और आईसीएल ने उन पर से अपना अधिकार वापस नहीं लिया था तो आईपीएल किसी भी कानूनी आधार पर यह दावा नहीं कर सकता कि उसने करार किया है।
यूसुफ ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के जोर देने पर पिछले साल आईसीएल से अनुबंध तोड़ दिया था और इसके बाद उन्हें आईपीएल की ओर से भी खेलने का कोई मौका नहीं मिला, क्योंकि उन्हें आईसीएल की रोक लगाने की अनुमति प्राप्त करने के बाद आईपीएल की नीलामी में नहीं रखा गया। इससे वह आईपीएल और आईसीएल दोनों लीगों में नहीं खेल सके।
इस बीच पीसीबी ने कहा कि अगर यूसुफ आईसीएल से जुड़ जाते हैं तो उन पर तुरंत पाकिस्तानी टीम की ओर से और घरेलू क्रिकेट में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा जैसा आईसीएल से जुड़ने वाले अन्य खिलाड़ियों पर लगा हुआ है।
इस सीनियर पाकिस्तानी बल्लेबाज को अबुधाबी में वेस्टइंडीज के खिलाफ आगामी एक दिवसीय श्रृंखला के लिए राष्ट्रीय टीम में चुना गया था, लेकिन वह आईसीएल से जुड़ने की अपनी योजना किसी को बताए बगैर दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
अगर यूसुफ आईसीएल से जुड़ने के कारण नहीं खेलते हैं तो राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने पहले ही खालिद लतीफ ओर खुर्रम मंजूर को बतौर अतिरिक्त खिलाड़ी टीम में चुन लिया था।