राजस्थान रॉयल्स की टीम आईपीएल-4 में ऐसी स्थिति में फंसी है जहां अब एक भी मैच में हार उसे टूर्नामेंट में नॉकआउट की होड़ से बाहर कर सकती है। यही वजह है कि अपनी संभावनाओं को बरकरार रखने के लिए टीम को रविवार को यहां कोच्चि टस्कर्स केरल के खिलाफ मैच में जीत से कम कुछ भी मंजूर नहीं होगा।
राजस्थान की टीम फिलहाल 12 मैचों में 11 अंकों के साथ अंकतालिका में पांचवें स्थान पर है। नॉकआउट में पहुंचने के लिए उसे न सिर्फ अपने शेष दो मैचों में जीत दर्ज करनी होगी बल्कि दूसरी टीमों के परिणामों पर भी निर्भर रहना पड़ेगा।
ऑस्ट्रेलिया के चमत्कारिक लेग स्पिनर शेन वार्न की कप्तानी में टीम का प्रदर्शन अब तक मिला जुला रहा है। टीम के प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है जिसके कारण उसे आज अगर-मगर की स्थिति में फंसना पड़ा है। वार्न पिछले चार सत्रों से टीम की कप्तानी संभाल रहे हैं और इस सत्र के बाद संन्यास की घोषणा कर चुके हैं।
वार्न ने सभी क्रिकेट पंडितों को चौंकाते हुए राजस्थान को आईपीएल के उद्घाटन संस्करण में खिताब दिलाया था और अब उनकी कोशिश टूर्नामेंट में अपनी पारी का समापन शानदार ढंग से करने की है। टीम के पास शेन वॉटसन, राहुल द्रविड़, रोस टेलर, अशोक मीनारिया और योहान बोथा के रूप में शानदार बल्लेबाज हैं।
गेंदबाजी की कमान वार्न, शान टेट, सिद्धार्थ त्रिवेदी, पंकज सिंह और वॉटसन के हाथों में रहेगी। वार्न टूर्नामेंट में अब तक 11 मैचों में 12 विकेट ले चुके हैं। हालांकि उनके अलावा अन्य कोई गेंदबाज अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा है। कोच्चि के खिलाफ जीत दर्ज करने के लिए राजस्थान को खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
दूसरी तरफ कोच्चि 12 मैचों में दस अंकों के साथ सातवें स्थान पर है। उसकी स्थिति भी राजस्थान रॉयल्स की तरह है। टीम को नॉकआउट में पहुंचने के लिए न सिर्फ अपने बाकी दोनों मैच जीतने होंगे बल्कि अन्य टीमों के परिणामों पर भी नजर रखनी होगी।
किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में कोच्चि को 178 रन बनाने के बावजूद छह विकेट से पराजय का सामना करना पड़ा। इस मैच में उसके बल्लेबाजों ने तो अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन गेंदबाज निराश कर गए। कुल मिलाकर कोच्चि के लिए भी अब दोनों मैचों में 'करो या मरो' की स्थिति है।
पंजाब के खिलाफ कप्तान माहेला जयवर्द्धने ने 76 रन की शानदार पारी खेली थी और टीम को उनसे एक और बड़ी पारी की उम्मीद रहेगी। जयवर्द्धने के अलावा ब्रैंडन मैकुलम, ब्रैड हॉज, रवीन्द्र जडेजा और पार्थिव पटेल बड़ी पारियां खेलने में सक्षम हैं।
टीम के पास आर पी सिंह, शांतकुमारन श्रीसंथ, आर विनय कुमार, रैफी गोमेज, रवीन्द्र जडेजा और परमेश्वरन जैसे स्तरीय गेंदबाज हैं जिन पर राजस्थान के बल्लेबाजों खासकर वॉटसन और टेलर पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी होगी। कुल मिलाकर इतना तो तय है कि इस मैच में हारने वाली टीम नॉकआउट की होड़ से बाहर हो जाएगी। (वार्ता)