भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से पटरी पर लाने के लिए दोनों देशों के क्रिकेट बोर्डों के प्रयासों को पाकिस्तान के दो खिलाड़ियों शोएब अख्तर और शाहिद अफरीदी का बड़बोलापन नाकाम कर सकता है।
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंध नवंबर 2008 में मुंबई में हुए हमलों के बाद से टूटे पड़े हैं। हालांकि इस दौरान कई कोशिशें हुई लेकिन ये संबंध बहाल नहीं हो पाए।
पाकिस्तान के इस वर्ष मोहाली में विश्वकप सेमीफाइनल खेलने के बाद क्रिकेट संबंध शुरू करने के प्रयासों में काफी तेजी आई और हाल ही में दोनों देशों के बोर्डों ने इस बात के संकेत भी दिए कि ये संबंध शुरू हो सकते हैं।
लेकिन पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर और पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी के भारत के सबसे सम्मानित खिलाड़ी सचिन तेंडुलकर पर निशाना साधे जाने के बाद ये सभी प्रयास खटाई में पड़ सकते हैं।
हालांकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नए अध्यक्ष राजीव शुक्ला ने पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' के साथ बातचीत में कहा था कि शोएब की अपनी किताब 'कंट्रोवर्शिएली योर्स' में सचिन तेंडुलकर और राहुल द्रविड़ पर की गई टिप्पणियां बेहद अनुचित हैं लेकिन इसका दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सिरीज को फिर से शुर करने के प्रयासों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
शुक्ला जहां एक तरफ दोनों देशों के बीच क्रिकेट संबंध बहाल करने की बात कह रहे थे वहीं शोएब टीवी चैनलों में अपने साक्षात्कारों में सचिन के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे। शोएब के नक्शेकदम पर चलते हुए अफरीदी ने भी इस तेज गेंदबाज की बात का समर्थन करते हुए हंगामा खड़ा कर दिया कि शोएब का सामना करते वक्त सचिन के पैर थरथरा जाते थे।
आईपीएल के नए अध्यक्ष ने तो यहां तक कह दिया था कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों को आईपीएल में खिलाने पर विचार हो सकता है। लेकिन जिस तरह इन दोनोंखिलाड़ियोंने सचिन पर बेहद अनुचित टिप्पणियां की हैं उसे भारत की क्रिकेटप्रेमी जनता कभी स्वीकार नहीं कर सकती।
भारतीय जनमानस इस बात को बर्दाश्त नहीं कर सकता कि टेस्ट और वनडे के सर्वाधिक रनों और शतकों के विश्व रिकॉर्डधारी को यह कहकर बदनाम किया जाए कि वह शोएब की गेंदों को खेलने से डरते थे।
दिलचस्प बात है कि ये दोनों पाकिस्तानी खिलाड़ी खेल से विवादास्पद ढंग से संन्यास ले चुके हैं जबकि सचिन अब भी क्रिकेट के मैदान पर जमे हुए हैं। पीसीबी भरसक कोशिश कर रहा है कि किसी तरह भारत के साथ उसके द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध शुरू हो जाएं लेकिन इससे पहले उसे अपने शोएब और अफरीदी जैसे खिलाड़ियों को नियंत्रित करना होगा कि वे उकसावे वाली बातों को कहने से बचें। वर्ना जो बात बन रही है वह भी बनतेबनते बिगड़ जाएगी। (वार्ता)