मुंबई के कोच प्रवीण आमरे ने रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में टीम के शानदार प्रदर्शन का श्रेय सचिन तेंडुलकर को देते हुए कहा कि मैदान पर बल्ले के जौहर दिखाने के अलावा उनकी ड्रेसिंग रूम में मौजूदगी ने ही खिलाड़ियों पर जादू सा असर किया।
आमरे ने कहा कि सचिन के सेमीफाइनल खेलने से पूरी टीम का आत्मविश्वास कई गुना बढ़ गया। अजिंक्य रहाणे और गेंदबाज धवल कुलकर्णी जैसे कई उभरते खिलाड़ियों के लिए वह रोल मॉडल है और उसके साथ ड्रेसिंग रूम बाँटना उनके लिए सपने जैसा था।
आमरे ने कहा कि उसने मेरा काम भी आसान कर दिया। उसने युवा खिलाड़ियों को खेल की नई बारीकियाँ सिखाई। मुंबई की टीम के लिए इस मैच में मैदान से बाहर भी सीखने को बहुत कुछ था क्योंकि सचिन जैसा क्रिकेट का स्कूल उनके साथ जो था।
उन्होंने बताया कि सभी खिलाड़ी अपनी-अपनी समस्या लेकर सचिन से पूछने जाते थे और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा रन अपने नाम कर चुके इस महान खिलाड़ी ने किसी को निराश नहीं किया।
आमरे ने कहा कोई भी कोच इन खिलाड़ियों को उस तरह से क्रिकेट के बारे में नहीं सिखा सकता जैसे सचिन ने सिखाया। ये खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट का भविष्य हैं और इनके लिए ये सबक यादगार रहेगा।
मुंबई के शारदाश्रम स्कूल में सचिन के साथी रहे इस पूर्व क्रिकेटर ने उनके कोच के रूप में अपनी भूमिका के बारे में कहा आचरेकर सर के अलावा दुनिया का कोई भी कोच सचिन को क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं सिखा सकता। मेरी क्या बिसात है।
उन्होंने कहा कि यह रणजी सत्र मुंबई क्रिकेट के लिए बहुत अहम था क्योंकि पिछली बार फाइनल में नहीं पहुँच पाने पर टीम की काफी आलोचना हुई थी।
आमरे ने कहा कि सचिन के खेलने की यह भी एक वजह रही होगी, क्योंकि मुंबई क्रिकेट उसके दिल के बहुत करीब है। कितना भी मसरूफ होने पर वह मुंबई टीम के प्रदर्शन पर नजर रखता है।