सचिन बनाम सहवाग मुकाबला होगा रोमांचक

शनिवार, 9 अप्रैल 2011 (15:32 IST)
यह इंडियन प्रीमियर लीग की दो टीमों के बीच ही नहीं बल्कि भारतीय एकदिवसीय टीम में बल्लेबाजी का आगाज करने वाले दो दिग्गज बल्लेबाजों सचिन तेंडुलकर और वीरेंद्र सहवाग के बीच भी मुकाबला होगा और ऐसे में हर कोई रोमांचक क्रिकेट की उम्मीद कर सकता है।

हम बात कर रहे हैं सचिन की मुंबई इंडियन्स और सहवाग की दिल्ली डेयरडेविल्स के बीच कल यहाँ फिरोजशाह कोटला स्टेडियम में होने वाले आईपीएल मैच की जिसमें दोनों टीमें लगभग डेढ़ महीने तक चलने वाले ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट की सकारात्मक शुरुआत करने की कोशिश करेंगी। विश्व कप में एकजुटता की मिसाल पेश करके चैंपियन बनने वाले भारतीय खिलाड़ियों के मैदान पर ‘दोस्त से दुश्मन’ बनने का अच्छा उदाहरण भी कोटला में देखने को मिलेगा।

तेंडुलकर का विश्वकप विजेता टीम का हिस्सा बनने का वर्षों पुराना सपना पूरा हो गया है लेकिन इस महान बल्लेबाज की रनों की भूख और क्रिकेट के प्रति प्यार बढ़ता ही जा रहा है और आईपीएल में भी मास्टर ब्लास्टर से धमाकेदार पारियों की उम्मीद होगी। वह अब मुंबई इंडियन्स की टीम को आईपीएल चैंपियन बनाने की कवायद में जुट गए हैं जिसमें पिछले साल वह अंतिम सीढ़ी पर चेन्नई सुपरकिंग्स के सामने लुढ़क गए थे।

मुंबई इंडियन्स की टीम संतुलित दिखती है जिसमें तेंडुलकर, हरभजन सिंह, लसिथ मालिंगा और कीरोन पोलार्ड सहित पिछले साल की टीम के भी कुछ खिलाड़ी शामिल हैं। तेंडुलकर जहाँ बल्लेबाजी की अगुवाई करेंगे वहीं मलिंगा और हरभजन आक्रमण की कमान संभालेंगे जबकि अपने विस्फोटक तेवरों के लिए मशहूर पोलार्ड पर फिर से अंतिम ओवरों में तेजी से रन बनाने का जिम्मा रहेगा।

इसके विपरीत डेयरडेविल्स का नीलामी के दौरान दिखाया गया रणनीति का अभाव उसकी टीम में भी दिखता है। कप्तान सहवाग को लगता है कि टीम में काफी ऑलराउंडर हैं लेकिन उसकी बल्लेबाजी और स्पिन विभाग थोड़ा कमजोर लगता है। उसके पास शीर्ष क्रम में सहवाग और डेविड वार्नर जैसे विस्फोटक बल्लेबाज हैं लेकिन मध्यक्रम में उसके पास कोई भी विश्वसनीय भारतीय बल्लेबाज नहीं है।

आईपीएल में केवल चार विदेशी खिलाड़ियों को अंतिम एकादश में शामिल करने के कारण डेयरडेविल्स को दिल्ली के युवा बल्लेबाज उन्मुक्त चंद, विकेटकीपर बल्लेबाज नमन ओझा, रोबिन बिष्ट, एस श्रीराम, योगेश नागर आदि से अच्छी पारियों की उम्मीद करनी होगी। एरोन फिंच और कोलिन इंग्राम जैसे विदेशी खिलाड़ी हालाँकि मध्यक्रम को मजबूती दे सकते हैं जबकि इरफान पठान गेंद और बल्ले से अच्छा प्रदर्शन करके राष्ट्रीय टीम में वापसी करने को बेताब हैं।

गेंदबाजी में मुंबई और दिल्ली दोनों समान टक्कर के दिखते हैं। यह अलग बात है कि दिल्ली के स्पिन विभाग में विविधता की कमी दिखती है। उसकी टीम में रीलोफ वान डर मर्व अनुभवी स्पिनर हैं लेकिन विकास मिश्रा, राजेश पवार और शाहबाज नदीम भी इस दक्षिण अफ्रीकी की तरह ही बाएँ हाथ के स्पिनर हैं। ऐसे में सहवाग को कामचलाऊ स्पिनरों से काम लेना होगा या फिर राजस्थान के विवेक यादव की लेगब्रेक पर भरोसा दिखाना होगा।

जहाँ तक मुंबई का सवाल है तो गेंदबाजी में ‘यार्कर के महारथी’ मालिंगा उसके ट्रंप कार्ड होंगे जबकि मुनाफ पटेल से भी काफी उम्मीद रहेगी जो अपनी किफायती और सटीक लाइन व लेंग्थ से की गई गेंदबाजी से विश्वकप में विरोधी बल्लेबाजों को परेशान करने में सफल रहे थे। इसके अलावा मुंबई के पास जेम्स फ्रैंकलिन और मोएजेस हेनरिक्स के रूप में दो उपयोगी ऑलराउंडर भी हैं। टीम कल दिल्ली के युवा तेज गेंदबाज पवन सुयाल को उतार सकती है जिन्होंने रणजी सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया था।

स्पिन विभाग की कमान हरभजन के हाथों में होगी लेकिन टीम के लिए यह चिंता का विषय है कि यह ऑफ स्पिनर इस समय अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म में नहीं चल रहा है। कभी मैदान पर एक दूसरे के आँख दिखाने वाले हरभजन और साइमंड्स का एक साथ ड्रेसिंग रूम में रहना भी रोचक होगा। साइमंड्स से भी बल्ले और गेंद से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है लेकिन लंबे समय से मैच अभ्यास की कमी उनके आड़े आ सकती है।

इन दोनों टीमों के बीच आईपीएल में अब तक जो छह मैच खेले गए हैं उनमें से दोनों ने तीन- तीन मैच में जीत दर्ज की है। पिछले साल हालाँकि मुंबई की टीम ने दोनों मैच जीते थे। उसने दिल्ली में 98 रन और मुंबई में 39 रन से आसान जीत दर्ज की थी।

मैच भारतीय समयानुसार शाम चार बजे शुरू होगा। (भाषा)

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