चैम्पियन क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर को भारत रत्न देने की जोर पकड़ती माँग के बीच हॉकी ओलंपियनों ने कहा है कि यदि खेलों में किसी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया जाना है तो ध्यानचंद सबसे पहले दावेदार होंगे।
भारतीय हॉकी के सुनहरे दौर पर किताब लिखने वाले पूर्व ओलंपियन और राष्ट्रीय चयनकर्ता कर्नल बलबीरसिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि ध्यानचंद को बहुत पहले ही यह पुरस्कार मिल जाना चाहिए था। खेलों में वह इस पुरस्कार के सबसे पहले हकदार हैं।’
उन्होंने कहा, ‘आज की पीढ़ी ने उन्हें खेलते नहीं देखा लिहाजा वह इतने लोकप्रिय नहीं हो सके जितने सचिन हैं। लेकिन उनके दौर के लोगों से हमने सुना है कि उनके जैसा खिलाड़ी पूरी दुनिया में पैदा नहीं हुआ। वह वाकई हॉकी के जादूगर थे।’ उनके सुर में सुर मिलाते हुए ओलंपियन जफर इकबाल और असलम शेर खान ने कहा कि क्रिकेट बमुश्किल दर्जन भर देश खेलते हैं जबकि हॉकी वैश्विक खेल है और भारत का तो राष्ट्रीय खेल भी है लिहाजा ध्यानचंद का योगदान कहीं अधिक है।
तीनों ने हालाँकि नियमों में बदलाव करके अब खेल के क्षेत्र में भी भारत रत्न दिए जाने की माँग की है। मौजूदा नियमों के तहत भारत रत्न किसी भी खिलाड़ी को नहीं दिया जा सकता।
सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर, आशा भोसले, पूर्व क्रिकेट कप्तान कपिल देव, अजित वाडेकर, मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी समेत कई दिग्गजों ने क्रिकेट के बेशुमार रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके 38 वर्षीय तेंडुलकर को भारत रत्न देने की माँग की है। (भाषा)