पूर्व ऑलराउंडर सलीम दुर्रानी ने कहा है कि भारतीय टीम के कप्तान महेंन्द्रसिंह धोनी को सिर्फ ट्वेंटी-20 क्रिकेट पर ही ध्यान देना चाहिए।
दुर्रानी ने कहा कि धोनी वास्तव में एक अच्छे खिलाड़ी हैं और क्रिकेट के हर स्वरूप में टीम के लिए उपयोगी योगदान कर रहे हैं लेकिन धोनी को सिर्फ ट्वेंटी-20 क्रिकेट पर ही ध्यान देना चाहिए क्योंकि वे क्रिकेट के इस फटाफट स्वरूप के बेहतर खिलाड़ी हैं। साथ ही उन्होंने चयनकर्ताओं को सलाह दी कि वे धोनी को टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट से दूर रखें।
उन्होंने आगे कहा कि एकदिवसीय मैचों में टीम की कप्तानी का दायित्व वीरेंद्र सहवाग को दिया जाना चाहिए तथा टेस्ट मैचों में टीम की कमान राहुल द्रविड़ संभालें।
उन्होंने कहा कि युवराजसिंह, गौतम गंभीर और सहवाग अपना ध्यान एक दिवसीय मैचों पर लगाएँ जबकि यूसुफ पठान तथा सुरेश रैना जैसे खिलाड़ियों को ट्वेंटी-20 क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने टीम में वापसी की राह देख रहे मोहम्मद कैफ को टेस्ट टीम में लिए जाने का समर्थन किया।
इसके अलावा उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि क्रिकेट के हर स्वरूप के लिए अलग टीम होनी चाहिए ताकि खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर सकें और भारत दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बन सके।
चार दिनों के टेस्ट मैचों को लेकर उन्होंने आईसीसी के अध्यक्ष डेविड मोर्गन के बयान से असहमति जताते हुए कहा कि टेस्ट क्रिकेट ही वास्तविक क्रिकेट है और इससे बल्लेबाजों को अपनी वास्तविक क्षमता दिखाने का अवसर मिलता है, इसलिए टेस्ट मैचों को पाँच दिन से घटाकर चार दिन करने का कोई औचित्य नहीं है।
अपने समकालीन खिलाडि़यों के बारे में पूछने पर दुर्रानी ने कहा कि विजय माँजरेकर और सुनील गावस्कर सबसे बेहतर स्ट्रोक प्लेयर थे। उन्होंने 1964 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच को अपना यादगार मैच बताया। इस मैच में दुर्रानी ने छह विकेट लिए थे। दुर्रानी ने भारत के लिए 29 टेस्ट खेले।