कॉपेनहेगन यूनिवर्सिटी की रिसर्चर अमाया अरांजोतेइगी ने पत्रिका में छपे अपने लेख में कहा है, "किसी पुरातात्विक स्थल पर ब्रेड का मिलना अचंभित करने वाला है। अब हमें कृषि और ब्रेड उत्पादन के बीच संबध पता करने में आसानी होगी। हो सकता है कि ब्रेड के बढ़ते इस्तेमाल ने लोगों को पौधा लगाने और खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया हो।"
स्टडी के मुताबिक नातुफियन संस्कृति आज से करीब 12,500 साल पहले उस क्षेत्र में विकसित हुई थी जहां आज इस्राएल, जॉर्डन, सीरिया और फलस्तीन है। यहां जेरिको शहर बना, जो शायद दुनिया का सबसे पुराना शहर रहा हो।
इसके पहले तुर्की में ब्रेड के अवशेष मिले थे। यह अवशेष करीब 9100 साल पुराने पुरातात्विक स्थल पर मिले थे। स्टडी में यह भी कहा गया कि जॉर्डन में मिले अवशेष कुछ गतिरोध पैदा करते हैं क्योंकि अब तक ऐसे कोई अवशेष नहीं मिले हैं जो कहते हों कि नातुफियन लोग नियमित रूप से ब्रेड खाते थे। दूसरे रिसर्चर इस स्टडी में जरूरी पोषण के के लिए ब्रेड की महत्ता पर बल देते हैं।
इस स्टडी के सह-लेखक रिक्टर कहते हैं, "ब्रेड हमारे लिए कार्बोहाइड्रेट समेत कई पोषक तत्वों का अहम स्रोत हैं। विटामिन बी, आयरन, मैग्नीशियम, फाइबर भी ब्रेड से मिलता है।"