एमआईटी के पिनार यानारडाग, मैनुएल सेब्रेन और इयाद रहवान बताते हैं कि मशीनों को चलाने के पीछे मूल सोच यह है कि जैसा डाटा एल्गोरिदम को समझाने के लिए मशीनों को दिया जाएगा, वैसे ही वो चलेंगी. यानी अगर गलत डाटा डाला जाए तो नतीजे भी गलत होंगे।
व्यक्तित्व और भावनाओं को मापने वाले रोरशाक साइकोलॉजिकल टेस्ट करने के लिए शोधकर्ताओं ने इंक ब्लॉट के जरिए बनाई गई तस्वीरों को नॉर्मन के सामने रखा और जो नतीजे मिले वह उलट थे। जहां सामान्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ने तस्वीरों में दो लोगों को करीब खड़ा हुआ बताया वहीं, नॉर्मन ने उसे किसी शख्स के खिड़की का बाहर कूदते हुए बताया। एक अन्य तस्वीर में जहां एक व्यक्ति छाता लिए था वहीं, नॉर्मन ने पाया कि तस्वीर में किसी शख्स ने अपनी पत्नी को गोली मार दी।