भारतीय राजनीति के जानकार इसे कांग्रेस की संगठनात्मक कमी के रूप में देखते हैं। वरिष्ठ पत्रकार राधिका रामाशेषन ने डीडब्ल्यू को बताया कि यह स्पष्ट रूप से कांग्रेस में केंद्रीय नेतृत्व के कमजोर होने का ही नतीजा है, जैसा इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के जमाने में नहीं था।