आम चुनाव में 2,64,000 वोट हासिल कर वह कांग्रेस में पहुंच गईं। स्थानीय स्तर पर "मदर पुलिस ऑफिसर" के नाम से मशहूर सास्त्रे उस नाटकीय गोलीकांड का वीडियो अपने चुनाव प्रचार में इस्तेमाल करने से नहीं हिचकिचातीं। एक प्रचार वीडियो में पुलिस की वर्दी पहने सास्त्रे कहती हैं, "मैंने गोली मारी और मैं दोबारा ऐसा करूंगी, मैं बहादुर हूं।"
घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि एक हथियारबंद लुटेरे ने एक महिला पर बंदूक तान रखी है, लेकिन वहां मौजूद दूसरे लोग जब चीखते चिल्लाते जल्दी से भागने में जुटे थे तभी वहां मौजूद सास्त्रे अपने हैंडबैग से हथियार निकाल कर फुर्ती से गोली चलाती हैं। उनकी चलाई दो गोलियां लुटेरे के सीने में लगीं और एक पैर में। सास्त्रे उस वक्त ड्यूटी पर भी नहीं थीं। 21 साल के लुटेरे की अस्पताल में मौत हो गई। 42 साल की सास्त्रे ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "मैं मौत से खुश नहीं थी, यह कोई भी नहीं चाहता, लेकिन मैं खुश थी कि मैंने अच्छे लोगों को बचा लिया।"
सास्त्रे ने अपने पिता, दादा और परदादा के पदचिन्हों पर चलते हुए कोई दो दशक पहले मिलिट्री पुलिस में काम करना शुरू किया। उनके पति भी सुरक्षा बलों के इसी विभाग में काम करते हैं। इसी साल मई में उनके मशहूर होने का दिन आया जब मदर्स डे के मौके पर उनका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो गया। सास्त्रे याद करते हुए बताती हैं, "जब मैं बयान दे कर पुलिस स्टेशन से बाहर निकली तो लोगों ने मुझे फोन करके बधाई देना शुरू कर दिया क्योंकि लोगों ने अब वीडियो देख लिया था।"