पश्चिमी सैन्य संगठन नाटो के महासचिव येंस स्टॉल्टेनबर्ग ने रूस को 'सुरक्षा के लिए सीधा खतरा' बताया है। स्पेन में नाटो के शिखर सम्मेलन में सदस्य देश इस 'सबसे बड़ी चुनौती' से निपटने की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं।
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में नाटो शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि यूक्रेन में शुरू किए गए रूसी युद्ध ने नाटो के सामने उसके इतिहास की सबसे बड़ी चुनौती पेश की है। सम्मेलन के मेजबान स्पेन के प्रधानमंत्री पेद्रो सांचेज ने अपने भाषण में कहा, 'हम पुतिन को सख्त संदेश दे रहे हैं: आप नहीं जीत पाओगे।'
नाटो की वेबसाइट के अनुसार हर 10 साल में उसकी अवधारणा को अपडेट किया जाता है ताकि वह नाटो के मूल्यों और उद्देश्यों के अनुरूप हो और सुरक्षा परिदृश्य का समूचा मूल्यांकन हो सके। यूक्रेन में रूसी हमले के बाद नाटो ने समन्वित प्रतिक्रिया और संगठन में नई जान फूंके जाने की जरूरत पर जोर दिया है।
नाटो का विस्तार
कई दशक तक तटस्थ रहने के बाद फिनलैंड और स्वीडन भी अब नाटो का हिस्सा बनना चाहते हैं। नाटो में इन नॉर्डिक देशों के शामिल होने पर तुर्की की आपत्तियों को भी दूर कर लिया गया है। स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा, 'हम शिखर सम्मेलन में फैसला करेंगे कि स्वीडन और फिनलैंड को सदस्य बनने के लिए आमंत्रित किया जाए।' उन्होंने इस फैसले को 'ऐतिहासिक' बताया।
नाटो शीतयुद्ध के बाद अपनी रक्षा और प्रतिरोधक क्षमताओं में सबसे बड़ी वृद्धि करने जा रहा है। इसमें युद्धक अभियानों के लिए ज्यादा सैनिक और पूर्वी यूरोप में पूर्व निर्धारित ठिकानों पर सैन्य उपकरणों की तैनाती शामिल है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी वीडियो लिंक के जरिए नाटो शिखर सम्मेलन को संबोधित किया।
चीन पर भी नजर
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को कहा कि नाटो की अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरत है और इसीलिए इस गठबंधन की क्षमता को हर जगह बढ़ाया जाए- जल, थल और आकाश में। उन्होंने कहा कि अमेरिका यूरोप में अपने सैन्य बल बढ़ाएगा और स्पेन में दो और पोत तैनात किए जाएंगे जबकि ब्रिटेन में दो अतिरिक्त जेट स्क्वैडर्न लगाए जाएंगे। इसके अलावा अमेरिका पोलैंड में नया सैन्य मुख्यालय बनाएगा। बाइडन ने कहा कि यह शिखर सम्मेलन 'स्पष्ट संदेश' देगा कि नाटो मजबूत और एकजुट है।
नाटो की नई रणनीतिक अवधारणा में चीन की सैन्य वृद्धि को नाटो के लिए एक दीर्घकालीन रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी के तौर पर शामिल किया जाएगा। स्टॉल्टेनबर्ग ने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा, 'मुझे उम्मीद है कि सहयोगी देश इस बात पर सहमत होंगे कि चीन हमारे मूल्यों, हमारे हितों और हमारी सुरक्षा के लिए चुनौती पेश कर रहा है या चुनौती है।'
उन्होंने कहा कि नाटो की मौजूदा सुरक्षा अवधारणा में चीन का बिलकुल भी जिक्र नहीं है। उनके मुताबिक, 'चीन दुश्मन नहीं है, लेकिन जब हम देख रहे हैं कि चीन जिस तरह से अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ा रहा है, तो बेशक उससे हमारी सुरक्षा पर पड़ने वाले दुष्परिणामों पर हमें ध्यान देना होगा।'(फोटो सौजन्य : डॉयचे वैले)