पुरातात्विक जांच टीम का नेतृत्व कर रहे फ्रेडरिक गियो के मुताबिक टीम को पशुओं की हड्डियां, वनस्पति अवशेष, मिट्टी के बर्तन और भोजन रखने वाले कई सिलोस मिले हैं। सिलोस एक प्रकार के सिलिंडरिकस टावर होते हैं जिसे सामान रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इन अवशेषों को देखकर यह अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि गीजा के पिरामिड बनने से पहले भी यहां एक स्थायी समाज यहां बसता रहा होगा।
फरवरी 2018 में जर्मनी और मिस्र के विशेषज्ञों ने देश के दक्षिणी शहर मिन्या में एक प्राचीन कब्रगाह का पता लगाया था। इसमें करीब 1000 से अधिक प्रतिमाएं और आठ मकबरे मिले थे। इसके साथ ही 4400 साल मकबरे पिरामिड के पास मिले थे। राजधानी काहिरा में पिछले साल राजा सेमटिक की भीमकाय मूर्ति भी मिली थी जो 26वें राजवंश से जुड़ी मानी जा रही थी।