जर्मनी में संघीय सरकार और राज्य सरकारें कोविड-19 पाबंदियों को सख्त करने पर विचार कर रही हैं। इसमें निजी आयोजनों में जुटने वालों की संख्या में बड़ी कमी और स्कूल में बच्चों के लिए मास्क अनिवार्य करना शामिल हैं।
महामारी शुरू होने के बाद से जर्मनी में अक्टूबर के अंत तक कोरोना संक्रमण के 5.2 लाख मामले दर्ज किए गए। लेकिन नवंबर के पहले 2 हफ्तों में यह आंकड़ा 50 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7.8 लाख पर जा पहुंचा। इसी अवधि में जर्मनी में कोविड-19 के आईसीयू मरीजों की संख्या में भी 70 प्रतिशत का इजाफा दर्ज किया गया।
संक्रमण की रफ्तार कम करने के लिए जर्मनी ने इसी महीने आंशिक लॉकडाउन लगाया जिसके तहत बार और रेस्तरांओं को बंद कर दिया गया, लेकिन स्कूल और दुकानें खुली रहीं। अब इन पाबंदियों को और सख्त करने की बात हो रही है।
सोमवार को जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल देश के सभी 16 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए नए संभावित उपायों पर चर्चा करेंगी। मीडिया संस्थानों को एक सरकारी दस्तावेज का मसौदा मिला है जिसमें इन उपायों का जिक्र किया गया है। इसमें लोगों से कहा गया है कि वे क्रिसमस आने तक निजी पार्टियों से परहेज करें।
प्रस्तावों के अनुसार बच्चों और युवाओं से कहा जा रहा है कि वे खाली समय में अपने किसी एक ही दोस्त से मिलें। इसी तरह परिवारों से भी आग्रह किया गया है कि घर पर होने वाली पार्टी को परिवार के सदस्यों या फिर किसी एक परिवार के लोगों तक ही सीमित रखें।
इन सभी प्रस्तावों पर अभी संघीय और राज्य सरकारों के बीच चर्चा चल रही है इसलिए इनमें कुछ बदलाव भी हो सकते हैं। लेकिन चांसलर मर्केल ने शनिवार को अपने एक वीडियो संदेश में कहा था कि 'सर्दियों में हर किसी को अपना ज्यादा योगदान देना होगा।'
स्कूलों में मास्क
सरकारी प्रस्तावों के मसौदे में स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। स्कूल परिसर में रहने के दौरान अध्यापकों और छात्रों से लिए पूरे समय मास्क पहनना अनिवार्य होगा। नियमित कक्षाओं के बच्चों को 2 ग्रुपों में बांटकर पढ़ाया जाएगा। अन्य उपायों में सर्दी जुकाम के सामान्य लक्षणों वाले लोगों से भी खुद को बाकियों से अलग-थलग करने और क्वारंटीन में रहने को कहा जाएगा।