दुल्ला भट्टी (Story Dulla Bhatti) भारत के मध्यकाल का एक वीर था, जो मुगल शासक अकबर के समय में पंजाब में रहता था। उसे 'पंजाब के नायक' (Panjab ke Nayak) की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उस समय संदल बार की जगह पर लड़कियों को गुलामी के लिए बलपूर्वक अमीर लोगों को बेचा जाता था। उन दोनों लड़कियों की सगाई कहीं और तय हुई थी और उस मुगल शासक के डर से उनके भावी ससुराल वाले इस शादी के लिए तैयार नहीं थे।
लेकिन दुल्ला भट्टी (Dulla Bhatti) ने एक योजना के तहत लड़कियों को न ही मुक्त करवाया बल्कि दुल्ला भट्टी ने ब्राह्मण की मदद की और मुसीबत की इस घडी में लड़के वालों को मनाकर एक जंगल में आग जलाकर सुंदरी और मुंदरी की शादी हिन्दू लड़कों से करवाई और खुद ही उन दोनों का कन्यादान भी किया और शगुन स्वरूप उनको शकर दी थी। इस तरह उनकी शादी की सभी व्यवस्थाएं दूल्ले ने करवाईं।
तब से लोकनायक दुल्ला भट्टी (Dulla Bhatti Story) की अमरता से जुड़ी यह कहानी पंजाब के लोकप्रिय पर्व लोहड़ी को जलते अलाव के साथ-साथ वहां के बुजुर्ग इसे बयां करना नहीं भूलते। लोहड़ी (Lohri festival history) का यह खास पर्व उत्तर भारत, खास कर पंजाब में लोहड़ी का त्योहार, जो मकर संक्रांति की पूर्व संध्या का बेहतरीन उत्सव है।