दिग्विजय ने एक सवाल पर भाजपा के खिलाफ निशाना साधते हुए कहा कि सेना और राष्ट्र की सुरक्षा को सियासी मुद्दा कभी नहीं बनाया जाना चाहिए। चुनाव आयोग ने भी इस बारे में बड़ा सख्त निर्देश दिया है। लोकसभा चुनावों के मतदान की कुछ तारीखों के रमजान के महीने में पड़ने को लेकर चंद मुस्लिम नेताओं की आपत्ति पर उन्होंने कहा कि त्योहार तो अपने समय पर ही आते हैं लेकिन यह संवैधानिक आवश्यकता है कि 26 मई से पहले चुनावी नतीजे घोषित कर दिए जाएं। फिर भी मैं चुनाव आयोग से प्रार्थना करूंगा कि वह मतदान की तय तारीखों में भले ही कोई बदलाव न करे लेकिन मतदान के समय में इस प्रकार परिवर्तन कर दे जिससे उन्हें (मुस्लिम समुदाय के लोगों को) मतदान में सहूलियत हो।
सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर जारी ट्रोलिंग के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि मुझे आखिर कब ट्रोल नहीं किया जाता? मैं उन सब लोगों का आभारी हूं, जो मुझे ट्रोल करते हैं। आगामी लोकसभा चुनावों के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा सदस्य ने कहा कि मैं इस विषय में कुछ भी नहीं कहूंगा। चुनाव आयोग इस विषय में निर्णय लेने को स्वतंत्र है।
कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शिनी राजे के आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को लेकर पूछे गए सवाल पर दिग्विजय ने कहा कि इस प्रश्न का उत्तर (ज्योतिरादित्य) सिंधिया ही दे सकते हैं, मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता। (भाषा)