भोपाल। लोकसभा चुनाव के लिए भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार घोषित होने के बाद बुधवार को पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर शक्ति एप से जुड़े भोपाल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए दिग्विजय ने एकजुट होकर पार्टी कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए जुट जाने को कहा। दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह चुनाव में माहौल को बिगाड़ सकती है।
एक ओर दिग्विजय कार्यकर्ताओं को एकता का पाठ पढ़ा रहे थे तो दूसरी उनके ही कार्यक्रम में गुटबाजी दिखाई दी। दरअसल, मंच से कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भोपाल से दिग्विजय नहीं कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। इसके साथ ही उन्होंने मंच से भोपाल के शहर कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा और भोपाल कांग्रेस ग्रामीण के अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव को नाम लेकर पुकारा। अरुण श्रीवास्तव तो मंच पर ही मिले, लेकिन कैलाश मिश्रा नदारद थे।
कैलाश मिश्रा के कार्यक्रम में नहीं होने पर दिग्विजय एक बार तो ठिठक गए, लेकिन फिर मंच पर बैठे दूसरे नेताओं ने सफाई देते हुए कहा कि अभी थे। इसके बाद सिंह ने कहा कि दोनों अध्यक्ष मेरे नुमाइंदे हैं और वही चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद दिग्विजय ने कहा कि कांग्रेस बूथ पर चुनाव लड़ेगी और हर बूथ का नक्शा सामने आ जाता है। इसलिए पार्टी के हर कार्यकर्ता को बूथ पर जीतने पर मेहनत करनी होगी।
शहर कांग्रेस अध्यश्र कैलाश मिश्रा का दिग्विजयसिंह के कार्यक्रम नहीं होना काफी चर्चा का विषय बन गया। विधानसभा चुनाव के समय भी कैलाश मिश्रा पर पार्टी के विरोध में काम करने के कई आरोप लगे थे। नरेला विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्रसिंह चौहान ने कैलाश मिश्रा की शिकायत पार्टी के बड़े नेताओं से भी की थी।
सिंह ने कार्यकर्ताओं को सतर्क करते हुए कहा कि बीजेपी कुछ भी कर सकती है। बीजेपी पर राष्ट्रवाद के नाम पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए सिंह ने कहा कि कांग्रेस को बीजेपी से हर मोर्च पर सावधान रहना होगा। दिग्विजय ने कहा कि अगर 1985 के बाद से कांग्रेस भोपाल से चुनाव नहीं जीत रही है तो इसके लिए भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब का खत्म होना था। दिग्विजय का दावा है कि भोपाल में पहला दंगा बाबरी मस्जिद विंध्वस के बाद 1992 में हुआ था।