हाल ही में सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर रडार संबंधी बात काफी वायरल हुई थी, अब एक और वीडियो क्लिप सामने आई है, जिसमें नरेन्द्र मोदी ने दावा किया है कि उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की रंगीन तस्वीर क्लिक करने के लिए साल 1988 में डिजिटल कैमरे का इस्तेमाल किया था। इसके साथ ही उन्होंने उस वक्त ईमेल का इस्तेमाल करने का भी दावा किया है।
सोशल मीडिया पर इसकी काफी खिल्ली उड़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दावे पर कई लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि ईमेल सर्विस 1995 से पहले थी ही नहीं, जबकि मोदी के वीडियो दावा है कि उन्होंने भारत में साल 1988 में इसका इस्तेमाल कर लिया था।
दूसरी ओर, लोगों का कहना यह भी कहना था कि पहला डिजिटल कैमरा Nikon कंपनी ने साल 1987 में बेचा था। एक अन्य व्यक्ति ने लिखा कि यदि आप मोदी भक्त हैं तो तो आप आविष्कार से पहले ही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
कांग्रेस नेता दिव्या स्पंदना ने ट्वीट कर कहा कि सवाल यह है कि अगर 1988 में उनकी ईमेल आईडी थी, जबकि पूरे विश्व में ईमेल सेवा नहीं थी, तो ऐसे में उन्हें ईमेल कौन भेजता था। एक व्यक्ति ने मोदी का फोटो मिर्जा गालिब के रूप में शेयर करते हुए लिखा कि जुमला ही फेंकता रहा पांच साल की सरकार में, सोचा था क्लाउडी था मौसम नहीं आउंगा रडार में।