बैन की अवधि के दौरान मंदिर जाने पर चुनाव आयोग के नोटिस पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि वो एक संन्यासी है और उनके जीवन का आधार मंदिर, पूजा पाठ ही है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि उनको मंदिर से रोकने वाले अपने जीवन के बारे में सोचे।
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों के चलते चुनाव आयोग ने उन्हें आचार संहिता उल्लंघन का दोषी मानते हुए उन पर 72 घंटे का बैन लगाया था। बैन के दौरान साध्वी प्रज्ञा ने तीन दिनों के दर्जनों मंदिर में पूजा पाठ और कीर्तन किया था। इसकी शिकायत कांग्रेस ने चुनाव आयोग से की थी। कांग्रेस की शिकायत पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोटिस दिया है।
ऐसा नहीं है कि साध्वी प्रज्ञा ने पहली बार इस तरह का कोई बयान दिया है। इससे पहले भी साध्वी प्रज्ञा अपने बयानों को चलते चर्चा में रही है। मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे को श्राप देने वाले बयान के चलते साध्वी प्रज्ञा काफी विवादों में रही। वहीं एक बार फिर नोटिस मिलने के बाद साध्वी प्रज्ञा की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।