Lok Sabha Election 2024 : समाजवादी पार्टी की मुरादाबाद लोकसभा उम्मीदवार रुचि वीरा (ruchi veera) ने एक जनसभा मंच से पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों पर जमकर बरसीं। उन्होंने पुलिसकर्मियों को धमकाते हुए कहा कि वे अपनी औकात में रहें, भारतीय जनता पार्टी के एजेंट बनकर काम मत करो, दलाल बनकर नहीं बल्कि अपनी नौकरी वफादारी के साथ करो, जनता के सेवक हो, नौकरी के प्रति वफादार बनो।
रुचि वीरा का आरोप है कि पुलिस ने अखिलेश की जनसभा में पहुंचने वाली बसों रोक दिया है, जगह-जगह बैरेकेटिंग करके सपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जनसभा पर पहुंचने से रोका जा रहा है। मुरादाबाद के GIC मैदान में आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव एक जनसभा को संबोधित करने आना था, लेकिन खराब मौसम ने उनके कार्यक्रम में खलल डाल दी।
बारिश के साथ तेज हवाओं के चलते अखिलेश मुरादाबाद नही पहुंच सके, तीन घंटे इंतजार के बाद लोग वापस जाने लगे, ऐसे में सपा की उम्मीदवार रुचि वीरा ने माइक संभालते हुए मंच से दहाड़ना शुरू कर दिया। रुचि की गर्जना पुलिसकर्मियों पर शुरू हो गई। उन्होंने पुलिस को औकात में रहने की नसीहत देते हुए आरोप लगाया कि पुलिस भाजपा का एजेंट बनकर सपा और कांग्रेस को हटाने का काम कर रही हैं।
रुचि ने कहा कि दलाल बनने का काम मत करो, तुम्हारे ऊपर लानत है तुम जनता के सेवक हो, तुम्हारी जिम्मेदारी जनता के प्रति है लेकिन तुम अपनी नौकरी से वफादारी नहीं कर रहे हो। तुम देश के साथ वफादारी नहीं कर रहे हो, मंच से जनसभा में पहुंचे लोगों से अपील कि वे डरें नहीं, मैदान में ही सब डटे रहो, अगर यहां से कोई जाएगा तो वो मेरे सीने पर पैर रखकर जाएगा।
मुरादाबाद में सपा के कद्दावर नेता और सांसद एसटी हसन का इस बार टिकट काटकर लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने रुचि वीरा को टिकट दिया है। चर्चा है कि रुचि वीरा का टिकट जेल में बंद आजमखान के कहने पर हुआ है, रुचि आजम खान की बेहद करीबी हैं। हालांकि मुरादाबाद में एसटी हसन को उम्मीदवार न बनाने पर मुस्लिम नाराज है तो वहीं एसटी हसन ने भी इस लोकसभा चुनाव में प्रचार से दूरी बना ली है।
रुचि मूल रूप से बिजनौर जिले की रहने वाली हैं। उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की है। वीरा का राजनीतिक सफर कोई खास नहीं है, राजनीति की पहली सीढ़ी बहुजन समाज पार्टी के कंधों पर चढ़कर शुरू हुई थी, लेकिन वे उसमें ज्यादा दिन टिक नहीं पाई। 2023 में बसपा ने बाहर कर दिया। उसके बाद रुचि ने सपा का दामन थाम लिया।