रमेश ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर अपनी पोस्ट में कहा कि आज प्रधानमंत्री बिहार में हैं। उनसे आज के हमारे सवाल हैं। प्रधानमंत्री ने अपने वादे के अनुसार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया? कोसी नदी से बाढ़ के रूप में हर साल आने वाली तबाही पर मोदी सरकार कब ध्यान देगी? प्रधानमंत्री ने जिन हवाईअड्डों का वादा किया था, उनका क्या हुआ?
केंद्र की अपनी बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) रिपोर्ट के अनुसार, बिहार भारत का सबसे गरीब राज्य है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य की 52 प्रतिशत आबादी की ठीक से स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधा तक पहुंच नहीं है।
2013 में, रघुराम राजन समिति ने राज्य के आर्थिक पिछड़ेपन को ध्यान में रखते हुए धन को हस्तांतरित करने के लिए एक नई पद्धति की सिफ़ारिश की थी जो विशेष श्रेणी के दर्जे (एससीएस) के बजाय बहु-आयामी सूचकांक पर आधारित है। उन्होंने कहा कि 2014 में जब मोदी जी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे तब उन्होंने कई बार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने 18 अगस्त, 2015 को पूर्णिया में एक हवाई अड्डे का वादा किया था। छह साल बीत चुके हैं, इस बीच नीतीश कुमार ने तीन बार यू-टर्न भी ले लिया, फिर भी उनकी सरकार ने अभी तक वादा पूरा नहीं किया है। मुजफ्फरपुर में, मोदी सरकार ने 2023 की दिवाली तक पूरी तरह से चालू हवाई अड्डे का वादा किया था। लेकिन आज, हवाई अड्डे पर एक भी फ्लाइट नहीं उतरती है। भागलपुर में बड़ी मुश्किल से प्रशासन ने हवाई अड्डे की सिर्फ प्रक्रिया शुरू की है। पिछले दस वर्षों से इन तीन हवाईअड्डे प्रोजेक्ट्स की उपेक्षा क्यों की गई?