प्रधानमंत्री जहरीली भाषा में दुनियाभर की बातें बोलते हैं : मोदी ने यह बात पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए कही, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यक समुदाय का है। रमेश ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, प्रधानमंत्री जहरीली भाषा में दुनियाभर की बातें बोलते हैं। उन्हें एक सीधे से सवाल का जवाब भी देना चाहिए।
इस पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? : उन्होंने कहा, 1951 से हर दस साल के बाद जनगणना होती आ रही है। इससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आबादी का वास्तविक डेटा सामने आता है। इसे 2021 में कराया जाना चाहिए था लेकिन आज तक किया नहीं गया। इस पर प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं? रमेश ने आरोप लगाया कि यह बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान को खत्म करने की साज़िश है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour