Demand for action against MLA Rohit Pawar in the crab case : पशु अधिकार संगठन 'पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल' (पेटा) ने हाल ही में विधायक रोहित पवार द्वारा संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक केकड़ा लटकाए जाने को लेकर निर्वाचन अधिकारियों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार को पत्र लिखकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
केकड़े का इस्तेमाल पूर्व नियोजित था : पेटा ने कहा कि उनका यह कृत्य पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, महाराष्ट्र आदर्श आचार संहिता के साथ ही निर्वाचन आयोग के निर्देशों का भी उल्लंघन है। शरद पवार और जिला निर्वाचन अधिकारी मीनल कालस्कर को लिखे पत्र में पेटा इंडिया के शौर्य अग्रवाल ने कहा, वीडियो से स्पष्ट है कि (रोहित) पवार द्वारा केकड़े का इस्तेमाल पूर्व नियोजित था। मीडिया स्टंट के लिए जीव को अनावश्यक पीड़ा पहुंचाई गई।
चुनाव प्रचार और रैलियों के लिए जानवरों को पीड़ा पहुंचाई जाती है : अग्रवाल ने कहा कि शोध से पता चलता है कि केकड़े काफी होशियार होते हैं जो पीड़ा को महसूस कर सकते हैं और वे अपने परिवेश का भी पता लगाते हैं और एक-दूसरे के साथ संवाद करते हैं। पेटा ने एक बयान में कहा कि संगठन ने निर्वाचन आयोग के सामने इस बात पर प्रकाश डाला था कि चुनाव प्रचार और रैलियों के लिए जानवरों को पीड़ा पहुंचाई जाती है, जिसके बाद निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक प्रचार के लिए जानवरों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पेटा इंडिया ने विधायक रोहित पवार को भी लिखा पत्र : इसमें कहा गया कि वर्ष 2013 में जारी अधिसूचना में महाराष्ट्र के राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव प्रचार के दौरान गधों, बैलों, हाथियों और गायों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था और अधिकारियों को उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। पेटा इंडिया ने रोहित पवार को भी पत्र लिखा और उनसे केकड़ा सौंपने का अनुरोध किया ताकि उसकी देखभाल की जा सके। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour