राज्य के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में पंजीकृत मतदाताओं को 3 मई 2023 को शुरू हुए संघर्ष के दौरान उनके मूल स्थानों से विस्थापित होना पड़ा। अभी वह विभिन्न जिलों में राहत शिवरों में रह रहे हैं। विस्थापित हुए मतदाताओं के नाम अब भी उन स्थानों पर मतदाता सूची में शामिल हैं जहां वे संघर्ष शुरू होने से पहले रहते थे।