पाकिस्तान के एटम बम पर पीएम मोदी का पलटवार, बताया क्या है कांग्रेस की कमजोरी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 11 मई 2024 (11:30 IST)
PM Modi in Odisha : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के कंधमाल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि वे कहते हैं संभल कर चलो पाकिस्तान के पास एटम बम है। यह मरे पड़े लोग यह देश के मन को भी मार रहे हैं। कांग्रेस का हमेशा ऐसा ही रवैया है। कांग्रेस बार-बार अपने ही देश को डराने की कोशिश करती है। वो कहते हैं कि संभल कर चलो, पाकिस्तान के पास एटम बम है।  ALSO READ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से बहस के लिए तैयार हैं राहुल गांधी
 
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इसी कमजोर रवैये के कारण जम्मू-कश्मीर के लोगों ने 60 साल तक आतंक भुगता है। देश ने इतने आतंकी हमले झेले हैं जो देश भूल नहीं सकता। 26/11 के मुंबई के भयंकर आतंकी हमले के बाद इनकी हिम्मत नहीं हुई की वे आतंकवाद के सरपरस्त पर कार्रवाई करें।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 साल पहले आज के दिन अटल बिहारी वाजपयी की सरकार ने पोखरण में परमाणु परिक्षण किया था। हमनें ये दिखा दिया था कि देशभक्ति से ओत-प्रोत सरकार देशहित के लिए, देश की सुरक्षा के लिए, देश के लोगों को आशा-अपेक्षा के लिए कैसे काम करती है। एक वह दिन था जब भारत ने दुनिया को अपने सामर्थ्य का परिचय करवाया था और दूसरा कांग्रेस की सोच, कांग्रेस बार-बार लोगों को डराने की कोशिश करती है।
 
उन्होंन कहा कि मैं आज कांग्रेस को दो टूक कहूंगा, भारत के मुसलमान... कोई इधर-उधर जाएगा ऐसा मानने की कोशिश न करें। कांग्रेस के शहजादे आए दिन बयानबाजी कर रहे हैं। ALSO READ: क्या NDA में शामिल होंगे शरद पवार, पीएम मोदी के ऑफर पर दिया करारा जवाब
 
कहां है जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की चाबियां : उन्होंने कहा कि 7 दशक पहले श्री जगन्नाथ मंदिर के प्रबंधन के लिए नियम बनाए गए थे। इन्हीं में से एक नियम था कि मंदिर के सोना चांदी, कीमती पत्थर और सारी चल-अचल संपत्ति का रिकॉर्ड मेंटेन किया जाएगा। इसके बाद श्री रत्न भंडार में रखे कीमती सामानों की एक सूची तैयार की गई थी। इस रत्न भंडार का आखिरी बार मूल्यांकन करीब 45 साल पहले किया गया था।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि श्री जगन्नाथ मंदिर के श्री रत्न भंडार के गर्भगृह के आंतरिक कक्ष की चाबियां पिछले 6 साल से लापता हैं। क्या आपको ये जानने का अधिकार नहीं है कि ये चाबियां कहां गई? राज्य सरकार कहती है कि रत्न भंडार की डुप्लीकेट चाभियां मिली हैं...लेकिन ये कैसे बनी, किसने बनवाईं...इसका उपयोग हुआ कि नहीं हुआ...किसी को नहीं पता।

इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक आयोग को सौंपी थी। लेकिन वो रिपोर्ट आज तक ओडिशा सरकार ने सार्वजनिक नहीं की है। भारतीय जनता पार्टी अब पूरे भक्तिभाव से ये विषय उठा रही है। आखिर क्यों बीजेडी सरकार, इस विषय से भाग रही है। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है? आखिर राज्य सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है?
Edited by : Nrapendra Gupta

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