दिग्गजों के मंत्री बनने के बाद बढ़ा संशय-भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौड़ में शामिल भाजपा के कई दिग्गजों के मोदी सरकार में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद नए अध्यक्ष के नाम को लेकर संशय बढ़ गया है। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान काक नाम भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम में काफी आगे था लेकिन उन्होंने मोदी 3.0 सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ले ली। वहीं हरियाणा के के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का नाम भी अध्यक्ष पद की रेस में था लेकिन वह भी मोदी 3.0 सरकार में मंत्री बन गए। इसके साथ भूपेंद्र यादव का नाम भी राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में था लेकिन वह भी नई सरकार में कैबिनेट मंत्री बन गए।
लोकसभा चुनाव में भाजपा उत्तर प्रदेश में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई है ऐसे में अब संगठन भी सवालों के घेरे में आ गया है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में पार्टी को मजबूती देने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रभारी रह चुके सुनील बंसल को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है। संघ के करीबियों में गिने जाने वाले सुनील बंसल को उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना का प्रभारी बनाया गया था। ओडिशा में पार्टी ने 24 साल से सत्ता में काबिज बीजेडी को सत्ता से बेदखल कर पहली बार सरकार बनाने जा रही है। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान सुनील बंसल ने देश भर में कॉल सेंटरों को भी संभाला, फीडबैक एकत्र किया और जमीन पर पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया।
वहीं भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनावी राज्य महाराष्ट्र से भी आ सकता है। महाराष्ट्र में इस साल के आखिरी में विधानसभा चुनाव होने है और लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र भाजपा की सीटें काफी कम हो गई है। ऐसे में महाराष्ट्र को अब काफी तवज्जो दी जा रही है। महाराष्ट्र से मोदी 3.0 सरकार में 6 मंत्री बनाए गए है। वहीं भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष महाराष्ट्र से भी आ सकता है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े जो महाराष्ट्र से आते हैं उनका नाम भी राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौड़ में है।
संघ की पंसद का होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष?-भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष संघ की पंसद का नेता होगा। लोकसभा चुनाव में संघ और भाजपा में जिस तरह की दूरियां दिखाई दी और उसका नुकसान पार्टी को देश के सबसे बड़े राज्य में उठाना पड़ा। सियासत के जानकार बताते है कि संघ का कार्यकर्ता उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में घर बैठ गया जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ा और वह राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी बन गई। ऐसे में अब भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती संघ को साधने की होगी। ऐसे में बहुत संभावना है कि भाजपा का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष संघ की पसंद का ही नेता होगा।